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14 मंत्री बनाए, 4-5 और मांग लेते तो फूफा यूनियन नहीं बनता: अमरजीत

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत इन दिनों मंत्रियों की संख्या को लेकर गरमाई हुई है। राज्य में 14 मंत्री बनाए जाने पर संवैधानिकता की बहस तेज हो गई है।

इसी कड़ी में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अगर पद बढ़ाने ही थे तो केवल एक क्यों, चार-पांच और मंत्री पद मांग लिए जाते। ऐसा करने से भाजपा में जो ‘फूफा यूनियन’ बना है, वह नहीं बनता और सभी नेता संतुष्ट हो जाते। उन्होंने कहा कि 14 मंत्री संवैधानिक हैं या असंवैधानिक, इसकी गहराई में वे नहीं जाना चाहते, लेकिन भाजपा को इसका राजनीतिक लाभ लेने की जगह स्पष्टता दिखानी चाहिए।

इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने राज्यपाल रामेन डेका को पत्र लिखकर 14वें मंत्री की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताया था। उन्होंने कहा कि 90 सदस्यीय विधानसभा में संविधान के अनुच्छेद 164(1 क) के अनुसार मंत्रियों की संख्या 15% से अधिक नहीं हो सकती। 90 का 15 प्रतिशत 13.5 होता है, यानी मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 13 से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे में 14 मंत्रियों का पद संवैधानिक दायरे से बाहर है, इसलिए एक मंत्री को हटाया जाना चाहिए।

इसी मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि 14वें मंत्री की नियुक्ति के लिए अनुमति ली गई है तो उसका गजट नोटिफिकेशन सार्वजनिक किया जाए। बिना अनुमति यदि अतिरिक्त मंत्री को शपथ दिलाई गई है तो यह कैबिनेट अवैध और असंवैधानिक माना जाएगा।

इस विवाद पर कांग्रेस विधि विशेषज्ञों से राय ले रही है और हाईकोर्ट जाने पर भी विचार कर रही है। माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस सीधे तौर पर अदालत नहीं जाती तो किसी अन्य माध्यम से इस मुद्दे पर याचिका दायर की जा सकती है। फिलहाल, छत्तीसगढ़ की राजनीति में 14वें मंत्री का मामला चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।

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