
अनिल गुप्ता@भिलाई। भिलाई 3 सिरसागेट स्थित सिद्वि विनायक अस्पताल में 10 माह के बच्चे शिवांश की इलाज के दौरान मौत के मामले में,जिला स्वास्थ्य और पुलिस विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है। बच्चे की मौत की शिकायत के बाद सीएमएचओ ने एक टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट में डॉक्टर और स्टाफ नर्स की लापरवाही उजागर हुई है। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्स को हटाने के साथ अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही इस मामले में पुलिस ने लापरवाही करने वालो के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज कर पुलिस के द्वारा जांच की जा रही है।
देवबलौदा निवासी डिकेश वर्मा ने अपने 10 माह के बेटे शिवांश को सर्दी खांसी जुकाम होने पर 27 अक्टूबर को सिद्धि विनायक बच्चों के अस्पताल में लेकर गए था। जहां डॉक्टर ने प्राथमिक जांच कर बताया कि बच्चे को अभी भर्ती करना पड़ेगा सांस की गति तेज चल रही है। इसलिए ऑक्सीजन भी लगेगा। 4-5 तक बच्चे का ईलाज चलता रहा। 31 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टर आए और बच्चे को देख कर बताए की बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है। दो दिनों में डिस्चार्ज कर दिए जाने की बात कही गई। डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि शिवांश को हल्का बुखार है दवा बदलकर दे रहा हूं। लेकिन शाम को स्टाफ नर्स ने इंजेक्शन लगाया। बच्चा मां की गोद में ही छटपटाया। बच्चे की मां ने तुरंत नर्स को आवाज दी। नर्स ने बच्चे को लेकर गई। जिसके बाद बच्चे को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। बच्चे के मौत के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत सीएमएचओ कार्यालय में जाकर दर्ज कराई जिसके बाद सीएमएचओ ने टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए । जांच रिपोर्ट पेश किए गए प्रतिवेदन में अस्पताल के चिकित्सक अधिकारी, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी व पैरामेडिकल स्टॉफ की लापरवाही पाई गई। जिसमे सिद्धि विनायक अस्पताल प्रबंधन के चिकित्सा अधिकारी डॉ संमीत राज प्रसाद,शिशुरोग विशेषज्ञ और आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ दुर्गा सोनी, डॉ हरिराम यदु,डॉ.गिरीश साहू और स्टाफ नर्स विभा साहू,आरती साहू,निर्मला यादव की लापरवाही उजागर हुई है जिला स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के निर्देश जारी किए है।
बाईट – जे पी मेश्राम सीएमएचओ दुर्ग
वीओ 2- वही जिला स्वास्थ्य विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर बच्चे के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद पुलिस ने सिद्धि विनायक अस्पताल के 4 डॉक्टर और 3 स्टाफ नर्स के खिलाफ धारा 304ए(गैर इरातन हत्या) के तहत अपराध दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नही की है लेकिन आगामी समय में सभी की गिरफ्तारी की कार्यवाही की जाएगी।
20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का उल्लेख
जिलाधीश व पर्यवेक्षी प्राधिकारी ने सिद्धि विनायक अस्पताल के द्वारा नर्सिंग होम एक्ट में उल्लेखित प्रावधानों के तहत नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अध्याय-3 की धारा 12. दण्ड और जुर्माना – (क) (1) इस अधिनियम व इसके अधीन बनाए गए किन्ही नियमों के अधीन जो कोई भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाए गए प्रावधान का उल्लंघन करता है तो 20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का उल्लेख है। जिसके तहत संबंधित अस्पताल को 20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया गया है।साथ ही नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 में वर्णित धारा 09 अनुज्ञ-पत्र का निरस्तीकरण – कंडिका (2) के उलंघन का दोषी पाए जाने पर अनुज्ञा पत्र का निरस्तीकरण के लिए कंडिका (3) के अनुसार 30 दिवस का नोटिस दिया गया है। और इन्ही नियमो के अनुरूप इस मामले में कार्यवाही की गई हैं।