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वक्फ कानून के खिलाफ विरोध: मुर्शिदाबाद में हिंसा, 3 लोगों की मौत, 15 पुलिसकर्मी घायल

मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में कई जिलों में हिंसा भड़क गई है। सबसे ज्यादा हिंसा मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हुई।

अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 15 पुलिसकर्मी घायल हैं। कई गाड़ियों को आग लगा दी गई है, दुकानों और घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बल के 1600 जवान तैनात किए हैं। कुल 16 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा 300 के करीब BSF जवान तैनात हैं। इनके अलावा 5 कंपनियां अतिरिक्त तैनात की गई हैं। हिंसाग्रस्त वाले इलाकों में इंटरनेट बैन है। धारा 144 भी लागू है। 150 के करीब लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

जिन लोगों की मौत हुई उनमें धुलियान में रहने वाले पिता-पुत्र हैं। हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) को मार डाला। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। तीसरा युवक शुक्रवार को गोली लगने से घायल हुआ था। इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए।

सुरक्षा और इंटरनेट बंद

  • हालात को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने 1600 जवान भेजे हैं।
  • इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और धारा 144 लागू है।
  • अब तक करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रदेश में कानून नहीं होगा लागू: ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि यह कानून राज्य में लागू नहीं होगा। वहीं विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने NIA जांच की मांग की और कहा कि कुछ कट्टरपंथी हिंसा फैला रहे हैं। बंगाल के अलावा जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में भी वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। त्रिपुरा में 18 पुलिसकर्मी घायल हुए।  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ‘वक्फ बचाओ अभियान’ की शुरुआत की है, जो 87 दिन तक चलेगा। इसमें 1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाकर प्रधानमंत्री को सौंपे जाएंगे।

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