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कोयला डील में NMDC के 120 करोड़ डूबने से बचे: अमेरिकन कंपनी के नाम पर फ्रॉड, न्यूयॉर्क बैंक ने गड़बड़ी पकड़ी, पैसे फ्रीज

जगदलपुर। बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के लिए कोयला खरीद लेनदेन में लगभग ₹120 करोड़ के साइबर फ्रॉड का खुलासा होते-होते रुक गया। प्लांट ने अमेरिका की एक कंपनी के साथ ईमेल पर की गई डील के अनुसार भुगतान कर दिया, लेकिन ट्रांजैक्शन न्यूयॉर्क ब्रांच में रोक दिया गया और खाते को फ्रीज कर लिया गया। इस वजह से बड़ा आर्थिक घोटाला टल गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिकी कंपनी की ओर से आई ईमेल कॉरेस्पोंडेंस के दौरान किसी तीसरे व्यक्ति ने फर्जी ईमेल आईडी से बैंक विवरण बदलकर अपना खाता भेज दिया। NMDC के स्थानीय कर्मचारियों ने भेजे गए अकाउंट पर 120 करोड़ ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, इंटरनैशनल क्लियरेंस के दौरान न्यूयॉर्क स्थित बैंक शाखा ने नाम व पते में अंतर देखते हुए शंका जताई और भुगतान होल्ड पर रख दिया। बैंक की त्वरित जांच से फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ और राशि सुरक्षित रही।

NMDC की ओर से मामला बस्तर पुलिस को सूचित किया गया है। SP शलभ सिन्हा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि साइबर सेल द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में आंतरिक लापरवाही के संकेत मिले हैं और कथित चूक के लिए कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड करने की बातें भी सामने आई हैं; परन्तु आधिकारिक पुष्टि लंबित है।

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों के मुताबिक, फिशिंग मेल, फर्जी ईमेल डीएनएस और सार्वजनिक डिवाइस से साइन-इन जैसी घटनाओं के जरिए ऐसे फ्रॉड होते हैं। वे सलाह देते हैं कि इंटरनेशनल पेमेंट से पहले ईमेल सत्यापन के साथ फोन कन्फर्मेशन और बैंक-टू-बैंक वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाना चाहिए।

इस घटना ने दिखा दिया कि बैंकिंग वेरिफिकेशन कितनी अहम है। बस्तर पुलिस व साइबर टीम अब ट्रांजैक्शन लॉग, ईमेल हेडर और संबंधित खातों की विवेचना कर रही है ताकि फ्रॉड के मास्टर्माइंड तक पहुंचा जा सके।

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