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गिरफ्तारी के 5 दिन बाद फार्मा कंपनी के डायरेक्टर ने भाजपा को दिया करोड़ों का चंदा, फिर बन गया सरकारी गवाह

नई दिल्ली। शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल ईडी की गिरफ्त में हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस मामले में चुनावी चंदे की एंट्री कर दी. उन्होंने एक्साइज पॉलिसी मामले में सरकारी गवाह पर आरोप लगाया और कहा कि ईडी को चाहिए कि वो जेपी नड्डा को गिरफ्तार करे. आइए जानते हैं कि सरकारी गवाह शरथ चंद्र ने बीजेपी को चुनावी बॉन्ड के जरिए कितना चंदा दिया था.

मौजूदा वक्त में कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम कर रहे रेड्डी को दिल्ली की एक कोर्ट ने अगले साल जून में शराब घोटाला मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. इसके अलावा कोर्ट ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में रेड्डी को माफी भी दे दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले दावा किया था कि रेड्डी को शराब उद्योग में कथित तौर पर उत्पाद शुल्क मामले से जुड़े व्यापारिक हस्तियों और राजनेताओं के साथ मिलीभगत करने और शराब नीति से फायदा उठाने के लिए फंसाया गया था.

अप्रैल 2021 से नवंबर 2023 तक अरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड लिए. चुनावी रिकॉर्ड बताते हैं कि इन बॉन्ड्स का 66 फीसदी बीजेपी को दिया गया और 29 फीसदी तेलंगाना स्थित भारत राष्ट्र समिति द्वारा और बचा हुआ आंध्र प्रदेश स्थित तेलुगु देशम पार्टी द्वारा भुनाया गया था.

अरबिंदो फार्मा देश की लीडिंग दवा कंपनियों में से एक है. साल 2023 में इसका रेवेन्यू 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. डेटा से पता चलता है कि चुनावी बॉन्ड में कुल 52 करोड़ रुपये का 57 फीसदी नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बीच खरीदा गया था. नवंबर 2022 में रेड्डी की गिरफ्तारी के 5 दिनों बाद 21 नवंबर 2022 को बीजेपी के द्वारा 5 करोड़ रुपये भुनाए गए थे.

आतिशी ने उठाया सवाल

शनिवार को AAP नेता और मंत्री, आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरथ रेड्डी के चुनावी बॉन्ड भुगतान का जिक्र करते हुए ईडी पर निशाना साधा. इसका मतलब यह था कि एजेंसी सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर काम कर रही थी और केजरीवाल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित मामले से हुई.

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