रायपुर। आदिवासी बच्चों का शोषण एक दंपत्ति ने सरकारी स्कीम का झांसा देकर किया। यह घटना 2014-15 की है, जब एक सामाजिक संस्था के माध्यम से कांकेर के 3 आदिवासी बच्चों को रायपुर लाया गया था। दंपत्ति ने बच्चों से घर का काम करवाया, जैसे बर्तन मंजवाना, झाड़ू-पोछा करना और पैर दबवाना। साथ ही बच्चों को उनके माता-पिता से बात करने से भी मना कर दिया।
जब बच्चों ने किसी तरह अपने परिजनों को इस शोषण की बात बताई, तो मामला सामने आया। दंपत्ति ने बस्तर मित्र फाउंडेशन नामक फर्जी संस्था बनाई थी और मंत्रालय से रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग से अप्रूवल लिया और आदिवासी बच्चों की मदद करने का दावा किया। सतीश शर्मा और उनकी पत्नी बिनीता शर्मा ने इन बच्चों को अपनी देखभाल में लिया और उनका शोषण किया।
इस मामले में पुलिस ने सतीश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उनकी पत्नी बिनीता फरार हो गई थी। साल 2022 में कोर्ट ने सतीश शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस ने अब 10 साल बाद फरार बिनीता शर्मा को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।