रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा और अंतिम दिन है। सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक और नेता हाथों में सत्यमेव जयते की तख्तियां लेकर सदन परिसर में पहुंचे। प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष रह चुके चरणदास महंत सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल रहे। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आज मनरेगा, पंचायत, स्कूल शिक्षा, उद्योग और पर्यावरण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण के दौरान इन विभागों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के आसार हैं। कांग्रेस विधायक मनरेगा भुगतान में देरी, जॉब कार्डधारियों को काम नहीं मिलने और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के मुद्दे जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं।
वहीं भाजपा विधायक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं का जिक्र करते हुए मौजूदा योजनाओं और नीतियों की स्थिति स्पष्ट करने की बात कह रहे हैं। उद्योग और पर्यावरण से जुड़े विषयों पर भी बहस तेज रहने की उम्मीद है। विपक्ष औद्योगिक निवेश, पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के दावों पर सरकार को घेर सकता है, जबकि सत्ता पक्ष राज्य में आए नए निवेश प्रस्तावों और विकास कार्यों का हवाला देगा।
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में 35,000 करोड़ रुपए का सप्लीमेंट्री बजट पेश किया था। इसे लेकर भी सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली थी। कांग्रेस ने बजट को दिशाहीन बताया, जबकि सरकार ने इसे विकास के लिए जरूरी कदम करार दिया। ऐसे में सत्र के अंतिम दिन सदन में जोरदार बहस और राजनीतिक टकराव के पूरे आसार हैं।
