WHO की वार्निग, नहीं मिल पाएगी युवाओं को कोरोना की वैक्सीन! पढ़िए पूरी खबर

(WHO) कोरोना महामारी की वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया को है. कि जल्द से जल्द वैक्सीन आए और जीवन पहले की तरह सामान्य हो जाए. पूरे विश्व के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हैं.  इस साल के अंत तक कोरोना की कारगर वैक्सीन मार्केट में आ सकती है. क्यों कि बहुत से देश में कोरोना के वैक्सीन पर अंतिम ट्रायल चल रहा है. जिसके बाद उसे बाजार में लाया जाएगा. मगर डब्लूएचओ के इस बयान के बाद लोगों को थोड़ी निराशा हो सकती है.

युवाओं को करना पड़ सकता है लंबा इंतजार

WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि सेहतमंद युवाओं को Covid-19 वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.

WHO के एक सोशल मीडिया इवेंट में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'ज्यादातर लोग इस पर सहमत हैं कि सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जानी चाहिए लेकिन यहां भी ये देखने की जरूरत होगी कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा किन लोगों में है और फिर इसके बाद बुजुर्गों का नंबर आता है.'

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वैक्सीन को लेकर गाइडलाइन्स होगी जारी

सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'वैक्सीन को लेकर कई तरह की गाइडलाइन्स आ रही हैं, पर मुझे लगता है कि एक आम स्वस्थ व्यक्ति को वैक्सीन के लिए 2022 तक इंतजार करना पड़ सकता है.'

2021 तक प्रभावी वैक्सीन आ जाएगी

, सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, '2021 तक कम से कम एक प्रभावी वैक्सीन आ जाएगी लेकिन ये सीमित मात्रा में उपलब्ध होगी और इसलिए अतिसंवेदनशील लोगों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी.'

स्वामीनाथन ने कहा, 'लोग सोच रहे हैं कि 1 जनवरी या अप्रैल से उन्हें वैक्सीन मिल जाएगी और सबकुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा. जबकि ऐसा नहीं.' चीन और रूस जैसे देश भी अपने लोगों को वैक्सीन शॉट्स देने के लिए प्राथमिकता अपना रहे हैं.

पूरी सेहत को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी प्राथमिकता

भारत में, एक उच्च-स्तरीय समिति इस प्राथमिकता प्रक्रिया को देखेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही में कहा था कि, किस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को और किस उम्र के लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है, इसके अलावा पूरी सेहत को ध्यान में रखते हुए समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी.

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