पटना। बिहार में वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम अंतिम चरण में है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 7.89 करोड़ मतदाताओं में से अब तक 6.60 करोड़ से अधिक ने अपने फॉर्म भर दिए हैं, जो कुल मतदाताओं का 88.18 प्रतिशत है। बाकी बचे 11.82 प्रतिशत मतदाताओं के लिए काम जारी है।
BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया कि 10.50 लाख मतदाता मृत पाए गए, जबकि 14.53 लाख लोग दूसरे स्थानों पर स्थायी रूप से चले गए हैं। इसके अलावा, 4.82 लाख लोगों के नाम दो जगह पंजीकृत मिले। इस तरह कुल 29.86 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
1 लाख बीएलओ को जिम्मेदारी
चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि फॉर्म भरने का कार्य बेहद तेज़ी से चल रहा है। करीब 1 लाख BLO और 1.5 लाख बीएलए (पार्टी प्रतिनिधि) इस कार्य में लगे हुए हैं। राज्य के सभी 5683 शहरी वार्डों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, और ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी उपलब्ध है।
अब तक 5.74 करोड़ ऑनलाइन फॉर्म अपलोड हो चुके हैं। भागलपुर जिले में ही लगभग 2 लाख वोटर्स के नाम लिस्ट से कटने वाले हैं। जिले के 7 विधानसभा क्षेत्रों में मृत, स्थानांतरित या दोहरी प्रविष्टियों के कारण यह कदम उठाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) जारी रखने की अनुमति दी और आधार, राशन कार्ड व वोटर आईडी को मान्य पहचान दस्तावेज माना। विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट कटौती पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने इसे “चुनाव चोरी की साजिश” बताया है, जबकि आयोग ने इसे पारदर्शी प्रक्रिया करार दिया है।