रायपुर। राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने स्पष्ट किया कि वीरेंद्र सिंह तोमर का करणी सेना से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में करणी सेना का संचालन प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार के नेतृत्व में होता है और संगठन की सभी गतिविधियां उन्हीं के नियंत्रण में हैं।
मकराना ने बताया कि हाल ही में कुछ जगहों पर वीरेंद्र सिंह तोमर द्वारा करणी सेना के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस पर संगठन में बैठक आयोजित की गई और तय किया गया कि करणी सेना का नाम किसी भी प्रकार से निजी स्वार्थ या अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगा।
मकराना ने जनता और मीडिया से अपील की कि वे केवल संगठन की आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें और किसी भी भ्रामक जानकारी में न फँसें। उन्होंने बताया कि करणी सेना समाज और संस्कृति के हित में कार्य करती है और इसका किसी अवैध काम से कोई संबंध नहीं है।
वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके भाई रोहित तोमर फिलहाल फरार हैं और कानून के शिकंजे में हैं। दोनों की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। SDM एनके चौबे की मौजूदगी में प्रशासन ने भाठागांव स्थित उनके आलीशान बंगले कुर्क किए, जिसमें दोनों भाइयों का 1500-1500 स्क्वायर फीट हिस्सा शामिल है। कोर्ट के आदेश के अनुसार संपत्ति में कोई परिवर्तन या बिक्री नहीं की जा सकेगी। इससे पहले रायपुर नगर निगम ने रोहित तोमर के अवैध ऑफिस को बुलडोज़र से ध्वस्त किया था।
तोमर ब्रदर्स कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए, जबकि 18 अगस्त तक उन्हें अंतिम मौका दिया गया था। मकराना ने जोर देकर कहा कि करणी सेना अपने मूल उद्देश्यों पर अडिग है और समाज के हक और सम्मान की लड़ाई जारी रखेगी। संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी व्यक्ति करणी सेना के नाम का दुरुपयोग करके जनता को गुमराह न कर सके।