विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ सम्मान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर से जुड़े हिंदी के प्रसिद्ध कवि और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ सम्मान दिया जाएगा। यह घोषणा शनिवार को दिल्ली में की गई।

राजनांदगांव में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल पिछले 50 वर्षों से साहित्य रचनाएँ कर रहे हैं। उनके उपन्यास “नौकर की कमीज”, “खिलेगा तो देखेंगे”, “दीवार में एक खिड़की रहती थी” हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उनके कविता संग्रह “लगभग जयहिन्द” को भी खूब सराहा गया। उनकी रचनाएँ दुनिया भर की भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं।

विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं, जैसे गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रजा पुरस्कार, और वीरसिंह देव पुरस्कार। हाल ही में, उन्हें पेन अमेरिका द्वारा नाबोकाओ अवार्ड्स से सम्मानित किया गया था, जिससे वे एशिया से यह सम्मान पाने वाले पहले लेखक बने।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्ल जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर खुशी जताते हुए इसे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल ने छत्तीसगढ़ को साहित्यिक मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

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