गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज से एक ग्रामीण की जान चली गई। पाइल्स का ऑपरेशन करते समय नस कट जाने से मरीज की मौत हो गई। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के पेंड्रा गांव का है। मृतक की पहचान पुरुषोत्तम ध्रुव के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, ओडिशा सीमा से आए झोलाछाप डॉक्टर बबलू तांडी और संजू राजपूत ने पंपलेट के जरिए पाइल्स के इलाज का झांसा दिया। परिवार अस्पताल जाने में झिझक रहा था, इसलिए आरोपी डॉक्टरों ने इलाज का भरोसा दिलाकर 30 हजार रुपए तय किए। शुरुआती दिनों में 20 हजार ले लिए गए। 23 अगस्त को इलाज के दौरान दोनों ने परिजनों को कमरे से बाहर कर दिया और कहा कि इंजेक्शन लगा दिया गया है। इसी बीच हालत बिगड़ने पर दोनों मौके से फरार हो गए।
जब मृतक की बेटी कमरे में गई तो उसने पिता को खून से लथपथ हालत में तड़पता देखा। आनन-फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जांच में सामने आया कि मलद्वार के पास बिना चिकित्सकीय सावधानी के चीरा लगाया गया था, जिससे नस कटने से अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और मौत हो गई।
घटना के बाद आदिवासी विकास परिषद और जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इसे गंभीर लापरवाही बताया। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की। एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से आदिवासी समाज में आक्रोश फैल गया है और झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की मांग तेज हो गई है।