Vikas tiwari ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राममयी निर्णय का किया है स्वागत

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी (Vikas tiwari) ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार और

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम के ननिहाल और माता कौशल्या के मायके

के उन स्थानों का जीणोद्धार और पुनर्निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।

(Vikas tiwari) जो पिछले 15 सालों के भाजपा सरकार के रमन राज में उपेक्षित था।

राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने कौशल्या माता के मायके को जानबूझकर विश्व पटल नही उकेरा था।

 

छ्त्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास काल से संबंधित जिन स्थानों को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है,

उनमें कोरिया जिले का सीतामढी-हरचौका तथा सरगुजा का रामगढ़ भी शामिल है।

(Vikas tiwari)  इनमें से रामगढ़ की प्रसिद्धि विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला के लिए भी है।

महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी कृति मेघदूतम् की रचना यहीं पर की थी।वनवास के दौरान भगवान राम ने कोरिया जिले से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था।

भरतपुर तहसील के जनकपुर में स्थित सीतामढ़ी-हरचौका को उनका पहला पडा़व माना जाता है।

मवाई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की गुफा में 17 कक्ष हैं।

इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है।

वहां एक शिलाखंड हैै जिसे लोग भगवान राम का पद-चिन्ह मानते हैं।

खुद सीएम सभी योजनाओं का खुद कर रहे मॉनीटिरिंग

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं ही इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर मॉनीटिरिंग कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के मवाई नदी तट पर स्थित गुफा को काट कर 17 कक्ष बनाए गए हैं।

जिनमें शिवलिंग स्थापित हैं। इसी स्थान को हरचौका (रसोई) के नाम से जाना जाता है।

भगवान राम हरचौका से रापा नदी के तट पर स्थित सीतामढ़ी-घाघरा पहुंचे थे।

यहां करीब 20 फीट ऊपर 4 कक्षों वाली गुफा है।

जिसके बीच में शिवलिंग स्थापित है।

आगे की यात्रा में वे घाघरा से निकलकर कोटाडोला होते हुए सरगुजा जिले  की रामगढ़ पहाड़ी पहुंचे थे।

यह अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग पर स्थित है।

इसे रामगिरि भी कहा जाता है।

महाकवि कालिदास के मेघदूतम् में इसी स्थान के दृश्यों का अंकन हुआ है।

वनवास के दौरान भगवान राम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां कुछ दिन बिताए थे।

इसलिए वहां स्थित गुफाएं लोक में उन्हीं के नाम से जानी जाती हैं।

राम के तापस्वी वेश के कारण एक का नाम जोगीमारा, दूसरे का सीता बेंगरा एवं एक अन्य का लक्ष्मण गुफा पड़ गया।

कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि भगवान राम के वनवास काल से संबंधित स्थानों का

पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित करने का बीड़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया है।

यह कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है।

इसके लिए राम वन गमन परिपथ तैयार किया जा रहा है।

शासन ने राम से संबंधित 75 स्थानों का चयन किया है।

पहले चरण में इनमें से 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जा रहा है।

इसके लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।

इस परिपथ में अच्छी सड़कों समेत विभिन्न तरह की नागरिक सुविधाएं भी विकसित की जाएगी।

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इस फैसले से राम भक्तों में हर्ष व्याप्त

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार के इन निर्णय से समूचे विश्व के राम भक्तों में हर्ष व्याप्त है

और देशभर के साधु संत ऋषि मुनि भी कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की कार्यों की सराहना कर रहे हैं

उनका कहना है कि योजनाओं के पूर्ण होने के बाद पूरे विश्व के राम भक्त अपने आराध्य के ननिहाल

आकर माता कौशल्या के बारे में और भी जानकारी ले सकेंगे।

रामवन पथ गमन के पावन-पुनीत स्थानों के दर्शन कर सकेंगे।

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