बिपत सारथी@मरवाही। मरवाही वनमंडल वैसे तो अपने कारनामों को लेकर छत्तीसगढ़ में काफी चर्चित है। आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला मरवाही वनमंडल के वन परिक्षेत्र लटकोनी कोदवाही के जंगल में सामने आया है। जहां ईस्ट वेस्ट रेल कॉरिडोर क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण योजना के तहत 2019-20 में वृक्षारोपण का कार्य पूर्ण करना था। जो कि इस वन परिक्षेत्र में कार्य पूर्ण नहीं होने के पहले ही राशि का आहरण किया जा चुका था। वही सदन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की फटकार के बाद अब यह पौधारोपण का कार्य नियम के विपरीत तरीके से कराया जा रहा है, जिले में अभी 43 डिग्री की भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पौधरोपण का कार्य नहीं कराया जाता। लेकिन नियम को ताक में रखकर आरकेसिया प्लांटेशन में घने पेड़ों के नीचे झुलसे हुए बॉस और सागौन सहित कई तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं, साथ ही मजदूरों को वन विभाग के द्वारा दी जा रही मजदूरी दर में कटौती करके 200 रुपए मजदूरी भुगतान किया जा रहा है।
2 वर्ष पहले का भी मजदूरी भुगतान नहीं
मौके पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि वन विभाग का कहना है नगद में मजदूरी दर 200 रुपए ही दिया जाएगा और खाता में 315 रुपए की दर से भुगतान किया जाएगा। साथ ही यहां काम कर रहे कई ऐसे मजदूर हैं जिनका 2 वर्ष पहले का भी मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है, यह पौधारोपण खानापूर्ति के लिए किया जा रहा है। जिससे पूर्व में किए गए कारनामों को छुपाने की पूर्ति की जा रही है, जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर कार्यालय में की गई है।
भ्रष्टाचार जीवित और चरम सीमा पर रहेगा
अगर इसी तरह वन विभाग अपने कामों के प्रति लापरवाही बरतेगी तो निश्चित ही मरवाही वनमंडल में भ्रष्टाचार जीवित और चरम सीमा पर रहेगा। वहीं मरवाही वनमंडल के मरवाही रेंज में सालों से जमे अधिकारियों कर्मचारियों को हटाने और पूर्णकालिक रेंजर की पदस्थापना किये जाने की मांग की जा रही है…