रायपुर। संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को VB-G RAM G बिल 2025 पास हो गया। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) की जगह विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) के रूप में लागू होगा। नए बिल के तहत काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है और केंद्र-राज्य फंड शेयरिंग पैटर्न 60:40 किया गया है, जबकि उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों में 90:10 रहेगा।
बिल की पासिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और सिलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की, लेकिन ध्वनिमत से बिल पास कर दिया गया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद संसद परिसर में रातभर धरने पर बैठे रहे और इसे महात्मा गांधी का अपमान तथा किसानों और गरीबों के खिलाफ बताया। लोकसभा में कांग्रेस, AAP और CPI के सांसदों ने भी विरोध जताया। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बिल से 12 करोड़ लोगों की आजीविका पर गंभीर चोट पहुंचेगी, जबकि AAP सांसद संजय सिंह ने इसे किसानों और मजदूरों के खिलाफ बताया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बिल ग्रामीण विकास के लिए सुधार है, और MNREGA का नाम हटाने का अर्थ योजना खत्म करना नहीं है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में महात्मा गांधी का नाम पहले 2009 में जोड़ा गया था और अब नई योजना में भी गरीबों और मजदूरों के हित में सुधार किए गए हैं।
विपक्ष ने संसद में बिल की कॉपी फाड़कर विरोध जताया। TMC सांसद डोला सेन और सागरिका घोष ने कहा कि बिल महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान है और 40 प्रतिशत आर्थिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डालकर राज्यों को दबाव में लाया गया है।
