UP: बेगम के मोहब्बत में बनवा रहे थे ताजमहल, मगर सडक हादसे में मौत के बाद सपना रह गया अधूरा, अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल

बुलंदशहर। (UP) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के केसर कलां के रहनेवाले 83 वर्षीय रिटायर्ड पोस्टमास्टर फैजुल हसन कादरी में मिनी ताजमहल बनवाने के चलते सुर्खियों में आए थे। मगर उनका सपना अधूरा रह गया। शहर हादसे में उनकी मौत हो गई थी। (UP)  अब बुलंदशहर के डिबाई क्षेत्र के गांव पला कसेर में बना मिनी ताजमहल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सीडीओ इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराएंगे. इसके लिए डीपीआरओ को निर्देश दिए गए हैं।

(UP) 2012 में की थी शुरूआत 2012 से कादरी ने अपने घर के पास बने खेत में ताजमहल बनवाने की शुरूआत की थी। कादरी ने इस इमारत के निर्माण में स्थानीय राजमिस्त्रियों से काम कराया। ताजमहल की तस्वीर से प्रेरणा लेकर कादरी ने अपनी पत्नी तजुम्मली बेगम के मकबरे को शक्ल दी तो लोग इसे ताजमहल कहने लगे। इस ताजमहल की चर्चाऐं देश-प्रदेश से लेकर सात समंदर पार तक पहुँची और इसे चाहने वाले सैलानी और विदेशी पत्रकार यहाँ आने लगे।

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मिनी ताजमहल में है फैजुल और तजमुल्ली की कब्र

डाक विभाग में कार्यरत फैजुल हसन कादरी ने मिनी ताज महल उसी स्थान पर बनाया था, जहां उनकी बेगम तजमुल्ली को दफनाया गया था। यहां पर कुछ जमीन कादरी ने अपनी कब्र के लिए भी छोड़ दी थी। उनकी इच्छा थी कि इंतकाल के बाद उनकी कब्र भी उनकी बेगम के साथ बने। उनकी इस इच्छा को उनके परिवार से जुड़े लोगों ने पूरा किया था।

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल

फैजुल हसन द्वारा बनाए गए मिनी ताजमहल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है। इसके सुंदरीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। हालांकि इसकी पहचान पहले से ही काफी है, लेकिन पर्यटन स्थल बनने पर इसकी ख्याति और बढ़ जाएगी। साथ ही कादरी का अधूरा सपना भी पूरा हो जाएगा।

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