नई दिल्ली. उदयपुर में टेलर की नृशंस हत्या के एक दिन बाद , राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठेर ने कहा कि मामले के दो आरोपियों में से एक 2014 में पाकिस्तान के कराची गया था और उसके दावत-ए-इस्लामी के साथ संबंध थे।
आरोपी में से एक गौस मोहम्मद कराची स्थित इस्लामी संगठन दावत-ए-इस्लामी से संबंध रखता है। उसने 2014 में कराची का दौरा किया था। अब तक, हमने दो मुख्य आरोपियों सहित पांच लोगों को हिरासत में लिया है,
दावत-ए-इस्लामी, पाकिस्तान में स्थित एक धार्मिक आंदोलन, पैगंबर मुहम्मद के संदेश का प्रचार करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था होने का दावा करता है। यह इस्लामी अध्ययन में ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है और एक टेलीविजन चैनल भी चलाता है। दावत-ए-इस्लामी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से लोगों को दावा (इस्लाम का निमंत्रण), धर्मांतरण और कट्टरपंथी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देता है।
एक आरोपी के दावत-ए-इस्लामी से संभावित संबंध के बारे में बात करते हुए, डीजीपी लाठेर ने बताया कि समूह के लोग कानपुर में सक्रिय हैं, और दिल्ली और मुंबई में उनका कार्यालय है।
डीजीपी लाठेर ने कहा कि दो आरोपियों- मोहम्मद रियाज और घोष मोहम्मद- पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक हत्या के सिलसिले में तीन और लोगों को हिरासत में लिया है।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस मामले में सीमा पार आतंकवाद से जुड़े होने की भी जांच कर रही है। डीजीपी लाठेर ने बुधवार को कहा कि डिजिटल साक्ष्यों की भी जांच की जा रही है।
टेलर कन्हैया लाल ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसे नियमित रूप से धमकी भरे फोन आ रहे हैं। कन्हैया लाल पर भी एक मामला दर्ज किया गया था और पुलिस ने बाद में दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की थी।
घटना के एक दिन बाद, डीजीपी एमएल लाठेर ने कहा, “पुलिस को समझौता करने की कोशिश करने के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए थी। कल एक एसआई को सस्पेंड किया गया था और आज एक एसएचओ को सस्पेंड किया गया है।
उदयपुर में कन्हैया लाल की भीषण हत्या ने पूरे देश में कोहराम मचा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है।