वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने अमेरिकी साइबर कमांड को यह आदेश दिया। एक पेंटागन अधिकारी के अनुसार, यह आदेश ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात से पहले ही जारी किए गए थे।
इस कदम का उद्देश्य रूस को यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए बातचीत में शामिल करना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन अब रूस के खिलाफ सभी कार्रवाइयों का रिव्यू कर रहा है, हालांकि इस बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई है। पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, कूटनीतिक बातचीत से पहले ऐसे मिशनों पर रोक लगाना सामान्य है, लेकिन रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन से पीछे हटना एक बड़ा कदम है।
रूस की साइबर कोशिशें लगातार जारी
अधिकारियों के अनुसार, रूस अमेरिकी खुफिया नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिशें लगातार कर रहा है। हाल ही में रूस ने इसी तरह के साइबर हमले किए हैं, जो उसके लंबे समय से चल रहे मिशन का हिस्सा हैं।
रूस के साइबर हमलों में वृद्धि
पिछले कुछ सालों में अमेरिकी अस्पतालों और बुनियादी ढांचों पर साइबर हमलों में वृद्धि हुई है, और इनमें से ज्यादातर हमले रूस से आए हैं। खुफिया अधिकारियों का कहना है कि इन अपराधों को रूसी एजेंसियों ने मंजूरी दी थी।
यूरोप में बढ़े साइबर हमले
यूरोप में भी साइबर हमलों में वृद्धि देखी गई है, जैसे कि जर्मनी की हथियार कंपनी के CEO की हत्या की साजिश और कम्युनिकेशन केबल काटने की कोशिशें। इन हमलों में तेजी पिछले साल देखने को मिली।
अमेरिकी चुनाव में रूस का दखल
बाइडेन प्रशासन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि रूस ने अमेरिकी चुनावों में दखल देने की कोशिश की थी। रूस ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाने का प्रयास किया था। इसके लिए अमेरिकी साइबर कमांड ने सीक्रेट मिशन चलाए थे। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला अमेरिकी एजेंसियों के लिए एक झटका हो सकता है, खासकर रूस के खिलाफ चल रही साइबर कार्रवाइयों में।