रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही बाघों की दहाड़ और गूंजेगी। मध्यप्रदेश से 6 बाघों को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। योजना के तहत कान्हा नेशनल पार्क से उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में 3 बाघ (1 नर और 2 मादा) और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में 3 बाघिनों को लाने का प्रस्ताव है।
हालांकि, उदंती रिजर्व में बाघों को लाने से पहले प्रे-बेस यानी शिकार की उपलब्धता का अध्ययन कराया जाएगा। अध्ययन रिपोर्ट के बाद नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की तकनीकी समिति अंतिम मंजूरी देगी। दरअसल, बाघों की ट्रांस-लोकेशन योजना को NTCA की तकनीकी समिति से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है, लेकिन सुरक्षित और स्थायी आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रे-बेस की जांच अनिवार्य की गई है।
छत्तीसगढ़ वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में 35 बाघ मौजूद हैं। बाघों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने दूसरे राज्यों से बाघ लाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही चीतलों की संख्या बढ़ाने पर काम हो रहा है ताकि बाघों के लिए पर्याप्त शिकार उपलब्ध हो सके।
पिछले साल 7 अगस्त 2024 को राज्य सरकार ने गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के गठन का निर्णय लिया था। अब इस क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी से जैव विविधता और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) अरुण पांडेय ने बताया कि बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके सुरक्षित आवास के लिए यह पहल की जा रही है।