पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम से जनजाति युवक उपेश कुमार सिदार बने लाखपति: फूड प्रोसेसिंग उद्योग से कमा रहे प्रति माह एक लाख

रायपुर। कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद कुछ युवा अपने दृढ़ संकल्प से सफलता की नई मिसाल कायम करते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायी उदाहरण है जिला सक्ती के ग्राम जुनवानी निवासी उपेश कुमार सिदार का।

मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे श्री सिदार ने वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और शिक्षा के दौरान ही स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने का विचार किया। आर्थिक संसाधनों की कमी उनके लिए चुनौती बनी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

उन्हें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, सक्ती के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना की जानकारी मिली।

अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए यह योजना स्वरोजगार की दिशा में विशेष अवसर प्रदान करती है। योजना की जानकारी और अधिकारियों के मार्गदर्शन से श्री सिदार ने राइस पफ्ड (फूड प्रोसेसिंग) उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया।

उनकी परियोजना की कुल लागत 30 लाख 42 हजार 105 रुपए थी, जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, सक्ती ने 28 लाख 90 हजार रुपए ऋण स्वीकृत किया और पीएमईजीपी योजना अंतर्गत 10 लाख 64 हजार 737 रुपए का अनुदान भी प्रदान किया गया।

इस सहयोग से उन्होंने तहसील सक्ती के ग्राम डड़ई में उद्योग स्थापित किया। उद्योग के संचालन से 09 अन्य स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है और सिदार प्रतिमाह लगभग एक लाख रुपए कमा रहे हैं।

उपेश कुमार सिदार का यह सफर युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। उन्होंने न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण किया, बल्कि स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान किए।

पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से आत्मनिर्भर बने सिदार ने यह सिद्ध कर दिया कि दृढ़ संकल्प, सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर कोई भी युवा अपने सपनों को साकार कर सकता है।

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