ब्रह्म मुहूर्त को सनातन धर्म में बेहद शुभ मुहूर्त माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त को अक्षय मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त के समय सभी देवी देवता गण धरती पर आते हैं. इसलिए, इस समय सभी मंदिरों के द्वार खोल दिए जाते हैं. ज्योतिष के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त में उठना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है. इस समय उठने से एक शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
शास्त्रों के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त में उठने का समय सुबह 3:30 बजे से लेकर 5:30 बजे के बीच का समय होता है. इसी को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं. ऐसा कहते हैं कि प्राचीन काल के ऋषि मुनि भी साधना के लिए इसी शुभ समय का चयन करते थे. माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त परमात्मा का समय होता है. ब्रह्म का अर्थ है परमात्मा और मुहूर्त का अर्थ है समय. ब्रह्म मुहूर्त में सबसे पहले उठते ही अपने ईष्ट देवता और अपने माता पिता का स्मरण करें और उनकी पूजा करें.
इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में कुछ खास मंत्रों का जाप भी करें जैसे – ‘ऊं’ और ‘गायत्री मंत्र’. इन दोनों मंत्रों का जाप ध्यान की मुद्रा में बैठकर ही करें. ब्रह्म मुहूर्त में भोजन न करें, किसी अपशब्द का प्रयोग न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.