मनरेगा के कार्यों में हुआ जमकर भ्रष्टाचार, जांच पूरा करने के बाद भी अधिकारी ने आज तक नहीं सौंपा रिपोर्ट

रवि तिवारी@देवभोग. घूमरगुड़ा पंचायत में मनरेगा के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है.. गॉव में सुकरू पिता बोतका के निजी तालाब और शासकीय लिटीगुरीयन तालाब निर्माण में कम मजदूरों से कार्य करवाकर अधिक मजदूरों का नाम मास्टररोल में डालकर फ़र्ज़ीवाड़े को अंजाम दिया गया है.. मामले में जाँच अधिकारी राधाकृष्ण शर्मा ने जाँच भी पूरा कर लिया है.. लेकिन आज महीने भर बीतने के बाद भी जाँच अधिकारी ने सीईओ को रिपोर्ट देना उचित नहीं समझा है.. वहीं जनपद पंचायत कार्यालय के आधिकारिक सूत्रों की माने तो जाँच में बहुत ज्यादा गड़बड़ी पाई गई है.. आधिकारिक सूत्र का ये भी दावा है कि जाँच के दौरान पुष्टि भी हो गई है कि बिना काम करवाए मनरेगा में शासन को लाखों का चुना लगाया गया है.. वहीं जाँच अधिकारी जाँच को पूरा कर आखिर उच्च अधिकारी को क्यों नहीं सौंप रहे है.. यह भी सवालों के दायरे में है…

किसान ने कहा मेरे तालाब में नहीं हुआ है काम -: ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में सुकरू पिता बोतका का निजी तालाब गहरीकरण का काम मनरेगा से स्वीकृत हुआ था.. वहीं तालाब गहरीकरण के कार्य से सुकरू भी संतुष्ट नहीं है.. किसान सुकरू के मुताबिक वर्ष 2021 में उसने 40 हजार खर्च कर तालाब का निर्माण करवाया था.. ऐसे में ज़ब इस बार मनरेगा से काम करवाया गया.. तो जिम्मेदारों ने थूक पालिश काम करते हुए काम को अंजाम दे दिया.. सुकरू के मुताबिक उनके तालाब के काम में जितनी राशि निकाली गई है.. उसका एक चौथाई काम भी मौक़े पर नहीं किया गया है… शासन से मिले पैसे का जिम्मेदारों ने खुलेआम दुरूपयोग किया है… वहीं काम का मॉनिटरिंग करने वालों ने बिना काम देखे राशि को जारी कर भ्रष्टाचार को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है…

जाँच के बाद नहीं हो सकता समझौता -: एसडीएम टीकाराम देवांगन ने कहा कि जाँच पूरी होने के बाद समझौता नहीं हो सकता.. उन्होंने कहा कि उन्होंने भी एसडीओ आरईएस से जानकारी लिया है.. उन्हें एसडीओ ने बताया है कि जाँच पूरी हो गई है.. एसडीएम ने संभावना व्यक्त किया है कि सोमवार तक जाँच रिपोर्ट मिल सकता है.. वहीं जाँच रिपोर्ट दबाने के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि जाँच को अगर कोई प्रभावित करता है.. तो पुनः दूसरे दल से जाँच करवाई जायेगी.. अगर इस दौरान सम्बन्धित जाँच अधिकारी की लापरवाही की पुष्टि हुई.. तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जायेगा.. एसडीएम ने कहा कि किसी भी शर्त में भ्रष्टाचार को बर्दास्त नहीं किया जायेगा…यहां बताना लाजमी होगा कि पिछले दिनों जनपद सदस्य दर्शन सोनी ने मामले की शिकायत किया था.. जनपद सदस्य के शिकायत पर मामले की जाँच भी हुई.. लेकिन जाँच के बाद जनपद सदस्य ने यू टर्न ले लिया.. इसके बाद उसने आवेश में आकर शिकायत करने की बात कहकर सीईओ को एक पत्र सौंपकर समझौता करने की बात कहकर मामले से वह पीछे हट गया…

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