रायपुर। भारतीय हॉकी के शताब्दी वर्ष 7 नवंबर को पूरे देशभर में मनाया जाएगा। इस अवसर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भारतीय हॉकी फेडरेशन ने एक साल में 1,000 से अधिक हॉकी मैच कराने का निर्णय लिया है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ हॉकी संघ ने राज्य के 27 जिलों में 7 नवंबर को सुबह 8 बजे एक साथ मैच आयोजित करने की योजना बनाई है।
छत्तीसगढ़ हॉकी संघ के अनुसार यह आयोजन केवल हॉकी संघ द्वारा किया जा रहा है और इसमें खेल विभाग शामिल नहीं है। प्रत्येक जिला इकाई अपनी क्षमता अनुसार मैच आयोजित करेगी। आयोजन की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मृणाल चौबे को दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों से महिला और पुरुष टीमों की पूरी सूची मांगी जा रही है, और 1 नवंबर को राज्य हॉकी संघ फिर से बैठक कर अंतिम तैयारियों की समीक्षा करेगा।
मृणाल चौबे ने कहा कि 7 नवंबर 1925 को देश में पहली हॉकी प्रशासनिक संस्था का गठन हुआ था। इसके बाद 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारतीय टीम ने नीदरलैंड को हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता। तब से लेकर अब तक भारत ने कुल आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं, जो किसी भी देश द्वारा हॉकी में जीते गए सबसे अधिक स्वर्ण पदक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 1928 से 1959 को भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग माना जाता है।
हालांकि 1980 और 1990 के दशक में भारतीय हॉकी का प्रदर्शन कमजोर हुआ, लेकिन 1998 से टीम ने पुनरुत्थान की दिशा में कदम बढ़ाए। इस आयोजन से न केवल हॉकी का उत्सव पूरे राज्य और देश में मनाया जाएगा, बल्कि गिनीज बुक में नाम दर्ज कर भारत की हॉकी की गौरवशाली परंपरा को भी यादगार बनाया जाएगा।
