मुंबई। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मंदिर से हथिनी को गुजरात के वंतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर भेजने से जुड़े मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार के लिए निर्धारित की है।
मामला पिछले महीने का है, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वंतारा का स्टाफ कोल्हापुर पहुंचा और ‘माधुरी’ नाम की हथिनी को जामनगर स्थित पुनर्वास केंद्र ले गया। इस हथिनी को महादेवी हथिनी के नाम से भी जाना जाता है और यह जैन समाज के नंदिनी मठ में रहती थी। हालांकि, उसे ले जाने से पहले और बाद में स्थानीय लोगों और समाज के सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।
यह कार्रवाई पशु अधिकार संगठन पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की शिकायत के बाद हुई। PETA ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि हथिनी की देखभाल सही तरीके से नहीं की जा रही थी और उसकी हालत बेहद खराब थी। इसके बाद एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की गई, जिसने इन आरोपों की पुष्टि की। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने हथिनी को वंतारा पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि माधुरी उर्फ महादेवी हथिनी को 1992 में नंदिनी मठ लाया गया था। यह मठ कई गांवों के बीच एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है और जिले के लोग इस हथिनी को रुतबे का प्रतीक मानते हैं। इसी कारण हथिनी के स्थानांतरण के फैसले ने पूरे जिले में नाराजगी और विरोध की लहर पैदा कर दी थी।