नौकरी के बदले सेक्स, पूर्व मुख्य सचिव के स्टाफ ने बताया- 20 से 25 महिलाएं घर लाई जाती थीं

नई दिल्ली। निलंबित IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण पर लगे रेप के आरोप की जांच कर रहे अधिकारियों ने अहम ‘सबूत’ मिलने का दावा किया है. उन्होंने इन सबूतों के आधार पर बताया है कि कथित रूप से 20 से ज्यादा महिलाओं को जितेंद्र नारायण के आधिकारिक आवास ले जाया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से कुछ महिलाओं का नौकरी देने के नाम पर यौन शोषण किया गया. ये पूरा मामला उस समय का है, जब जितेंद्र नारायण अंडमान-निकोबार (A&N) द्वीप समूह के मुख्य सचिव थे।

जानिए क्या है पूरा मामला

अगस्त 2022 में अंडमान-निकोबार की एक महिला ने दो वरिष्ठ नौकरशाहों जितेंद्र नारायण और आरएल ऋषि पर उसका गैंगरेप करने का आरोप लगाया. जितेंद्र नारायण A&N के पूर्व मुख्य सचिव हैं. आरएल ऋषि वहां के लेबर कमिश्नर के पद पर रहे हैं. पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में महिला का आरोप है कि अप्रैल और मई महीने में दो बार उसके साथ बलात्कार किया गया.

महिला के मुताबिक, उसे नौकरी की तलाश थी. इस सिलसिले में एक होटल के मालिक रिंकू ने आरएल ऋषि से महिला की बातचीत कराई थी. महिला ने बताया कि बाद में उसे जितेंद्र नारायण के पोर्ट ब्लेयर स्थित आधिकारिक आवास ले जाया गया था. उसका आरोप है कि वहां दो लोगों ने उसका गैंगरेप किया. महिला ने उनके नाम जितेंद्र नारायण और आरएल ऋषि बताए. उसके मुताबिक, दो हफ्ते बाद उसे फिर जितेंद्र नारायण के घर पर बुलाया गया था. तब दूसरी बार उसका यौन शोषण किया गया.

महिला का कहना है कि उसे “सेक्शुअल फेवर के बदले सरकारी नौकरी” देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उसे धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. पोर्ट ब्लेयर पुलिस ने इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ये सब जानकारी दी थी. इसके बाद जितेंद्र नारायण और आरएल ऋषि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. फिलहाल जितेंद्र नारायण को कोर्ट से 28 अक्टूबर तक गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली हुई है.

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