देशभक्ति गीतों के साथ गांव के लोगों ने नाचते गाते  हिशा का किया स्वागत, प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर, ट्रेनिंग से लौटी वापस अपने घर

 

अनिल गुप्ता@दुर्ग। छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल आज ट्रेनिग खत्म कर अपने गांव जब वापस लौटी। तब गांव के लोगों के द्वारा उसका भव्य स्वागत किया। इस दौरान रोड शो का आयोजन किया गया, जो कि गांव की सड़कों से होते हुए, उसके घर पहुंचकर समाप्त हुआ। घर पंहुचते ही अग्निवीर की मां ने तिलक लगाकर उसे गले से लगा लिया।

जानकारी के मुताबिक दुर्ग के बोरीगारका गांव की गलियों में आज उत्साह जैसा माहौल नजर आ रहा था और ये माहौल इसलिए बना हुआ था, क्योंकि इस गांव की बेटी हिशा बघेल ने उसी अग्निवीर भर्ती योजना के तहत ट्रेनिग प्राप्त कर वापस लौटी थी। जिसका विरोध देश में विपक्ष के नेताओं द्वारा दिखाया जा रहा था। उड़ीसा के चिल्का में  हिशा ने छः महीनों की कठिन ट्रेनिग प्राप्त की। आज जब वह वापस लौटी तो देश भक्ति गीतों के साथ गांव के लोगों ने नाचते गाते  हिशा का जोरदार तरीके से स्वागत किया। खुली कार में उसे बिठाया गया ।रोड शो के माध्यम से गांव की गलियों में घुमाया गया। बड़े बुजुर्गों ने उसके भाल पर तिलक लगाकर उसे आशीर्वाद प्रदान किया। हिशा अग्निवीर की वर्दी में हाथ में तिरंगा लिए गांव के लोगो के उत्साह में शामिल हुई। जैसे ही वह अपने घर पहुंची। तो मां सती बघेल ने उसकी आरती उतारी। इसके बाद हिशा ने अपने पिता के तस्वीर की ओर देखकर उन्हें सेल्यूट कर अपनी आंखों को नम किया। 

दरअसल हिशा के पिता की ही इच्छा थी, की उनकी बेटी सेना में जाकर भारत माता की सेवा करे। और जब ये सपना पूरा हुआ। तो आज उसके पिता जीवित नहीं है। इस बात को भी हिशा से छिपाकर रखा गया। लेकिन खुशी येसी थी, की घर तो छोड़िए पूरे गांव में भी खुशी का ठिकाना न रहा। जिसके कारण हिशा को अपने पिता के नही होने की खबर तक नहीं मालूम हुई। आपको बता दे की बोरिगारका की रहने वाली हिशा छत्तीसगढ़ की पहली अग्निवीर महिला बनी है। और उनका इस स्कीम को लेकर कहना है, की सेना में जाने वाले लोगो के लिए यह योजना काफी अच्छी है। चार साल बाद कोई भी बेहतर मेहनत करके सेना में नियमित रूप से देश की सेवा कर सकता है।

Exit mobile version