सिंचाई का एकमात्र सहारा पूटा बांध हुआ क्षतिग्रस्त…खेतों को नहीं मिल रहा सिंचाई का पानी

बिपत सारथी@गौरेला पेंड्रा मरवाही। जिले का पूटा बांध जिसको बने लगभग 25 वर्ष से अधिक का समय हो गया है, पर आज तक उसकी दोबारा मरम्मत नहीं हुई है। किसानों को नहर से पानी नहीं मिलता। कई जगह पर नहर टूट गई है, तो कहीं मिट्टी रेत जम गई है।

दरअसल पूरा मामला गौरेला ब्लॉक के ग्राम पंचायत पूटा में लगभग 25 वर्ष पहले किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बांध बनाया गया था। बांध से आसपास के लोगों को इसकी सुविधा मिलती भी थी, लेकिन आज की स्थिति में कई जगह से नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक की आज तक नहर को कभी साफ भी नहीं कराया गया। वही बात करें बांध की तो बांध के लिए बनाई गई दीवार के ऊपरी हिस्से में कई जगह दरार आ गई। कई जगह की मिट्टी बह गई है। तो वहीं ग्राम पंचायत बस्ती तक बने नहर में आज 25 साल बाद भी पानी की एक बूंद नहीं आती है। जिससे किसान प्रकृति के ऊपर ही निर्भर रहते हैं।

ग्रामीणों के द्वारा कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती और तो और इतने वर्षों के बाद भी बांध तक पहुंचाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं बन पाई। क्षेत्र के जनपद सदस्य ने बताया कि नहर की मरम्मत नहीं होने के वजह से किसानों के खेत तक पानी पहुंचता ही नहीं। किसान परेशान होते रहते हैं। संबंधित विभाग को जानकारी देने के बाद भी कोई कार्य नहीं होता है, वैसे भी इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सिंचाई का एकमात्र सहारा पूटा बांध ही है ।वह भी कुछ गांव के लिए बाकी अन्य गांव तो सिंचाई विहीन ही है, अब देखने वाली बात यह होगा कि कब तक जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या का समाधान करते हैं…

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