भू विस्थापितों का आंदोलन समाप्त, तीन दिनों से पावर प्लांट के सामने बैठे थे धरने पर, आश्वासन के बाद हटे

गोपाल शर्मा@जांजगीर चाम्पा। जिले के नरियरा गाँव में संचालित केएसके महानदी पावर प्लांट के सामने तीन दिनों से धरना में बैठे भू विस्थापितों का आंदोलन आज रात समाप्त हो गया। प्लांट के लिए अपनी जमीन देने वाले 11 गाँव के भू विस्थापितो ने प्लांट प्रबंधन पर वादा खिलाफ़ी करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू की थी, और प्लांट के गेट के सामने दिन रात बैठे कर मजदूरों के आने जाने पर रोक लगा दिया था, भू विस्थापितो की मांग और आंदोलन को बढ़ता देख जिला प्रशासन ने मामले में दखल दी और प्लांट प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया है,,

अपनी जमीन पर प्लांट स्थापित करने के लिए रोकदा, बनाहील, नरियरा के साथ आसपास के 11 गाँव के लोगों ने दी,और 11 साल पहले 32 सौ वाट के पावर प्लांट संचालित होने लगी, लेकिन यहां के कई किसानों को प्लांट प्रबंधन ने अब तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया। जमीन के बदले नौकरी नहीं दी और पेशन भी नहीं दी। इसके अलावा 11 ग्रामो में सीएसआर मद से कोई विकास भी नहीं कराया। जिससे व्यथित भू विस्थापित कई बार शासन प्रशासन और प्लांट प्रबंधन से गुहार लगाए, मगर कोई हल नहीं निकला। प्लांट प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ 11फ़रवरी से प्लांट के सामने धरना प्रदर्शन कर प्लांट के अंदर मजदुरों का आना जाना बंद कर दिया। जिसके परिणाम स्वरुप आज जिला प्रशासन ने त्रिपक्षीय वार्ता रखा और प्लांट के अधिकारियो और भू विस्थापितों के बीच लिखित समझौता कराया।

भू विस्थापितों ने जिला प्रशासन की पहल के बाद राहत की सांस ली और अब प्लांट प्रबंधन के लिखित आश्वासन से उचित मुआबजा, नौकरी, पैशन और अन्य सुविधा मिलने की उम्मीद जाग उठी है, भू विस्थापितो ने कहा कि जिला प्रशासन के अगुवाई और प्लांट प्रबंधन के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया गया है अगर मांग पूरी नहीं होंगी तो आंदोलन का रास्ता खुला है, जिला प्रशासन के मध्यस्तता के बाद भू विस्थापित आंदोलन समाप्त कर दिए है और प्लांट का गेट खुलने के बाद वाहन और मजदूरों का आना जाना शुरुभो गया है, वही भू विस्थापित भी अपनी मांग पूरी होने की उम्मीद में अपने घर लौट गए

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