छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा साइबर ठगी का मुद्दा, गृहमंत्र बोले अपराध रोकने एक्सपर्ट होंगे नियुक्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन साइबर अपराध का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। भाजपा विधायक सुनील सोनी, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल में सरकार से सवाल किए कि राज्य में लगातार बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति कब तक होगी?

रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश में साइबर ठगों का नेटवर्क फैलता जा रहा है, लेकिन आज तक किसी विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 16 हजार से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन आम लोग नहीं जानते कि साइबर थाना कहां है। एनसीआरबी और एआई डेटा भी बढ़ते मामलों की पुष्टि करता है।

डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए बताया कि रायपुर में कंपोजिट साइबर भवन की स्थापना की गई है और साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति जल्द होगी। उन्होंने बताया कि अब तक 1301 साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं और 7 आरोपियों को जेल भेजा गया है, साथ ही बैंक कर्मियों पर भी 3 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

राजेश मूणत ने कहा कि अब तक 107 करोड़ रुपए ठगे गए, लेकिन सिर्फ 3 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो पाई है। इसके लिए उन्होंने आईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की मांग की। इस पर गृह मंत्री ने बताया कि आईजी स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है और पैसा वापस करने की प्रक्रिया कोर्ट से होकर ही संभव है।

अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि साइबर क्राइम से निपटने के लिए कितने कमांडो तैनात हुए हैं और विशेषज्ञों की भर्ती कब होगी। जवाब में विजय शर्मा ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही विशेषज्ञ नियुक्त होंगे।

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