रायपुर। नवा रायपुर में बने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन में कामकाज की शुरुआत 14 दिसंबर से होगी। राज्य बनने के 25 साल के संसदीय इतिहास में पहली बार यह कार्य रविवार से शुरू हो रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक साल 2000 में गुरुवार, 14 दिसंबर को हुई थी। इस बार स्थापना दिवस को यादगार बनाने के लिए रविवार से शीतकालीन सत्र का आयोजन किया गया है।
सत्र के पहले दिन राज्य सरकार की दीर्घकालिक विकास रणनीति ‘छत्तीसगढ़ विज़न 2047’ पर विस्तार से चर्चा होगी। सत्र 14 से 17 दिसंबर तक चलेगा। विधायकों ने इस सत्र में कुल 628 सवाल दायर किए हैं, जिनमें 333 तारांकित और 295 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। सवालों में कानून-व्यवस्था, धान खरीदी में समस्याएं, खराब सड़कें और राशन वितरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
9 दिसंबर से ध्यानाकर्षण सूचनाएं और स्थगन प्रस्ताव नए भवन में स्वीकार किए जाएंगे। एक सदस्य रोज 2 ध्यानाकर्षण और 1 स्थगन प्रस्ताव दे सकेगा, पूरे सत्र में अधिकतम 6 ध्यानाकर्षण और 3 स्थगन प्रस्ताव अनुमत हैं। पहले दिन प्रश्नकाल नहीं होगा। दूसरे दिन 15 दिसंबर को राज्य सरकार अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इस दौरान निजी विवि संशोधन विधेयक, भण्डार क्रय नियम 2002 में संशोधन और दुकानों के पंजीयन संबंधित विधेयक भी लाए जाएंगे।
पुराने विधानसभा भवन से सभी विभागों का सामान नई इमारत में शिफ्ट कर दिया गया है। अब सचिवालय और स्टाफ का कामकाज नए भवन से ही होगा। विधायकों द्वारा दायर प्रश्न और ध्यानाकर्षण भी नए भवन में ही प्रस्तुत किए जाएंगे।
सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक लाए जाने की संभावना भी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संकेत दिए हैं कि प्रदेश में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए यह विधेयक पेश किया जा सकता है।
