2400 रुपये के लिए अस्पताल ने शव देने से किया इनकार, मंगलसूत्र गिरवी रखकर कराया इलाज


राजगढ़ः जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया हैं। मरीज की मौत होने के बाद अस्पताल संचालक ने 2400 रुपये जमा नहीं होने पर शव देने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत वाल्मीकि समाज ने कुरावर थाना प्रभारी को मरीज के परिजन के साथ शिकायत सौंपी है।

जानकारी के मुताबिक पहले से ही मरीज का ठीक से इलाज न करने एवं अस्पताल भवन की अनुमति को लेकर विवाद में चल रहे नगर के सुलभ हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं संचालक डॉ.अभिषेक अग्रवाल का मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ अभद्रता करने का मामला सामने आया है। 

क्या है पूरा मामला

मजदूरी पर काम करने वाले प्रहलाद की अचानक तबियत बिगड़ गई और उनके मुंह से खून बहने लगा। तभी उनके बेटे वीरेंद्र ने उनको सुलभ हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां लगातार 2 घंटे तक इलाज चलता रहा लेकिन अस्पताल संचालक डॉक्टर अभिषेक अग्रवाल ने मरीज के परिजनों को यह नहीं बताया कि आखिर बीमारी क्या है। शाम चार बजे प्रहलाद की मृत्यु हो गई। प्रहलाद के बेटे ने जब अस्पताल संचालक से पिता का शव मांगा तो अस्पताल ने शव देने से मना किया और कहा कि 2400 रुपए पहले जमा करो फिर शव दिया जाएगा।

इसकी जानकारी होने पर पार्षद प्रतिनिधि मोहन वर्मा, नगर परिषद में दरोगा संजू वाल्मीकि, रिंकू वाल्मीकि, एवं महेश अस्पताल संचालक डॉक्टर अभिषेक अग्रवाल से बात की तो उन्होंने उनके साथ भी अभद्रता की और शव देने से मना कर दिया। इसके बाद परिजन एवं समाज जनों ने थाना प्रभारी को एक शिकायती आवेदन सौंपा। अंत में  अस्पताल संचालक ने हंगामे के बाद शव परिजनों सौप दिया।


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