रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों द्वारा जारी युद्धविराम के पत्र को भ्रामक करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सीजफायर नहीं होगा, लेकिन जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका लाल-कार्पेट बिछाकर स्वागत किया जाएगा। इस बयान का समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में खून-खराबा बंद करने की सोच रखने वालों को जल्द निर्णय लेना चाहिए। आत्मसमर्पण ही उनके लिए एकमात्र विकल्प है।
गृहमंत्री शर्मा ने रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि पिछले दो वर्षों में नक्सली नए बेस बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने उनकी गतिविधियों को लगातार ट्रैक किया। रायपुर, कोरबा समेत कई शहरों में नक्सलियों का शहरी नेटवर्क उजागर कर ध्वस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी इस नेटवर्क की पूरी प्रोफाइलिंग कर रही है।
उन्होंने आम जनता से अपील की कि शहरों में किसी संदिग्ध गतिविधि या किराएदार की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। इसके लिए पुलिस ने एक विशेष मोबाइल ऐप भी तैयार किया है, जिससे नागरिक आसानी से सूचना साझा कर सकते हैं।
नक्सलियों की फंडिंग पर गृहमंत्री ने कहा कि उनकी आर्थिक क्षमता लगभग 80 प्रतिशत तक घट गई है। हालांकि कुछ संसाधनों से वे अभी भी सक्रिय रहने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में चंगोरा भाठा इलाके से नक्सलियों की गिरफ्तारी इसका उदाहरण है।
गृहमंत्री शर्मा ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ आएंगे। वे बस्तर दशहरा, मुरिया दरबार और स्वदेशी मेले में शामिल होंगे। यह दौरा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा के लिहाज से बेहद अहम होगा।