रायपुर। छत्तीसगढ़ में NHM संविदा कर्मचारियों की हड़ताल और सामूहिक इस्तीफे के बीच अब सरकार ने उनकी मांगों पर विचार का भरोसा दिया है। शनिवार को NHM कर्मचारियों ने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री से सभी 10 मांगों पर विचार करने की अपील की। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार केवल पांच मांगों के पूरा होने की बात कह रही है, जबकि उनकी बाकी मांगें भी जायज हैं और उन पर निर्णय होना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके लिए 6 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जिसमें वित्त और प्रशासन से जुड़े विशेषज्ञ होंगे। समिति तय समय सीमा में अपनी राय देगी और अन्य राज्यों के अनुभवों को भी देखा जाएगा। यदि मांगें लागू करने योग्य होंगी तो उन्हें लागू किया जाएगा। फिलहाल 10 में से 5 मांगों पर सहमति बन चुकी है, बाकी पर समीक्षा के बाद फैसला होगा।
इस बीच राज्यभर के करीब 16 हजार संविदा NHM कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। रायपुर में 1600, दुर्ग में 850 और रायगढ़ में 500 कर्मचारियों ने इस्तीफा सौंपा। हालांकि CMHO डॉ. मिथिलेश चौधरी का कहना है कि इस्तीफे का ज्ञापन लिया गया है लेकिन स्वीकार नहीं किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी के बाद सख्ती भी शुरू कर दी है। बीते बुधवार को 25 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया, जिनमें संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी शामिल हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि शासन-प्रशासन ने संवाद का रास्ता बंद कर दिया है और दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में प्रोटेस्ट ही एकमात्र विकल्प है। कर्मचारियों ने खून से पत्र लिखने और मुखौटा पहनकर प्रदर्शन जैसी अनोखी विरोध शैली भी अपनाई है।