रायपुर। राजधानी में गिरफ्तार फर्जी पुलिसकर्मी आशीष घोष से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उसने क्राइम ब्रांच, थानों, ट्रैफिक और एमटीओ में कई सिपाही, हवलदार और एएसआई की पोस्टिंग कराई। इसके एवज में हर माह मोटी रकम वसूलता था। पैसा न मिलने पर वह गाली-गलौज करता और एसएसपी, एएसपी या नेताओं का नाम लेकर उनके स्टाफ को हटवा देता। आरोप है कि वह पुलिस विभाग में गाड़ियों और पेट्रोल तक की व्यवस्था कराता रहा।
आईपीएस अधिकारियों तक पहुंच
आरोपी बीते 10 साल से रायपुर में पदस्थ कई आईपीएस अधिकारियों से जुड़ा रहा। वह बिना रोक-टोक उनके घर आता-जाता और उनके नाम का इस्तेमाल कर लोगों पर धौंस जमाता था। उसके मोबाइल से ऑडियो मिले हैं, जिसमें वह पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए सुना गया है। उसने कुछ टीआई और एसआई की पोस्टिंग कराने का भी दावा किया। पोस्टिंग के एवज में वह 10-12 लाख रुपये तक वसूलता था।
6 सितंबर तक रिमांड
पुलिस ने आशीष को फर्जी पुलिस बनकर केस सेटलमेंट और पोस्टिंग घोटाले में गिरफ्तार किया। गुरुवार को कोर्ट में पेशी के बाद उसे 6 सितंबर तक रिमांड पर लिया गया। उसके पास से 2 लाख रुपये, सोने की अंगूठियां, ब्रेसलेट और अन्य सामान बरामद हुआ। मोबाइल से पुलिस अधिकारियों को महंगे गिफ्ट देने और केस सेटलमेंट से जुड़े चैट्स मिले हैं। मोबाइल को साइबर लैब भेजा गया है।
फर्जी आईडी और बरामदगी
आशीष ने पूछताछ में कबूला कि उसने एसीबी-ईओडब्ल्यू के सिपाही उमेश कुर्रे की आईडी की फोटो खींचकर अपनी तस्वीर लगाकर फर्जी आईडी बनाई। इसमें डीजी जीपी सिंह के फर्जी हस्ताक्षर भी थे। उसकी गाड़ी से थाने की सील-मोहर, ड्यूटी चार्ट और गश्त पॉइंट बरामद हुए। यह खुलासा रायपुर पुलिस में हड़कंप मचा रहा है।