गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। अप्रैल माह में NHM संघ के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया और मिशन संचालक प्रियंका शुक्ला से मुलाकात कर नियमितीकरण, ग्रेड पे, मेडिकल अवकाश, स्थानांतरण नीति जैसी मूलभूत मांगें रखी थीं। उस समय एक माह में समाधान का आश्वासन मिला था, लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
अब प्रदेशभर के NHM कर्मचारी आगामी 14 से 18 जुलाई तक होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। ब्लॉक और जिला स्तर के कर्मचारियों ने आंदोलन में भाग लेने की सहमति दी है और अपने जिलाध्यक्षों के माध्यम से प्रांतीय नेतृत्व को आंदोलन की अनुशंसा भी की है। जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले और प्रवक्ता संदीप वर्मा ने बताया कि शासन की उदासीनता से कर्मियों में भारी आक्रोश है।
संविदा कर्मचारी असुविधाओं के बीच कर रहे काम
NHM के ये संविदा कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से बिना ग्रेड पे, कम वेतन और बिना मेडिकल अवकाश जैसी असुविधाओं के बीच राज्य के उपस्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनकी मेहनत से छत्तीसगढ़ को कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
मानसून में संभावित आंदोलन से डायरिया, उल्टी, जलजनित रोगों और सांप-बिच्छू काटने जैसी मौसमी बीमारियों से निपटने में आम जनता को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। संघ ने एक बार फिर सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों की समस्याओं का तत्काल समाधान कर जनस्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित होने से बचाया जाए।