नितिन@रायगढ़.. प्रशासनिक हस्तक्षेप अगर शून्य हो जाए तो सरकारी व्यवस्थाएं कैसे दम तोड़ती है इसका ताजा उदाहरण जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल kgh में देखने को मिलता है। वर्तमान में जिला कलेक्टर रानू साहू ईडी जांच से घिरी हुई है। इस वजह से प्रशासनिक मामलों में उनकी सक्रियता कम हुई है।जिसकी वजह से जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं चरम पर है।
हुआ यूं कि बीते कल जामगाँव रोड में घटी एक घटना में स्थानीय बड़े अतरमुड़ा स्थित मेडिकल कॉलेज रोड के माझा पारा में रहने वाला सुरेश राठिया आत्मज एतवार सिंह (35 वर्ष) अपने ममेरे भाई नरेश खडिय़ा के साथ शुक्रवार पूर्वान्ह तकरीबन साढ़े 11 बजे एक्टिवा (क्रमांक-सीजी 13 एआर 3473) से जामगांव की तरफ जाने निकला था। एक्टिवा सवार दोनों युवक बतियाते हुए जामगांव बस्ती से एक किलोमीटर पहले मोड़ के पास पहुंचे थे तभी विपरीत दिशा से आ रही लाल रंग की बोलेरो (क्रमांक-ओडी 05 ए 7429) के लापरवाह चालक ने अपेक्षाकृत तेज गति से वाहन चलाते हुए उनको ठोक दिया। चार पहिया वाहन की टक्कर से एक्टिवा सवार दोनों युवक गिरकर जख्मी हो गए थे।
चूंकि, मुंह के बल बेकाबू होकर गिरते ही सुरेश के कमर और जांघ के पास गंभीर चोटें आई और काफी खून बह गया।, इसलिए उसने जीवन एवं मृत्यु के बीच चन्द सांसें गिनी और घटना स्थल स्थल पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, नरेश के कान, गाल तथा पैर चोटिल हुआ। वहीं, अपने बोलेरो से एक युवक की मौत और दूसरे को सडक़ में तड़पते देख आरोपी चालक गाड़ी छोडक़र भाग निकला। बोलेरो में सवार लोग वाहन संबंधी काम से रायगढ़ के आरटीओ दफ्तर आ रहे थे। राहगीरों ने 112 नंबर डायल कर सडक़ दुर्घटना की सूचना दी तो चक्रधर नगर पुलिस मौके पर गई और एम्बुलेंस से पीडि़तों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेज दिया था।
देर शाम तक मृत युवक का शव मर्चुरी रूम में खुला पड़ा रहा शव के आसपास द्रव का रिसाव होते रहा और बदबू आने लगी थी। परिजनों के लाख प्रयास के बाद भी शाम तक युवक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। इस लापरवाही के विषय में पूछने पर अस्पताल प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वहीं उनके द्वारा बताया गया कि शव पेटी(फ्रीजर) कई दिनों से खराब है। इसलिए शव को खुले में रखना मजबूरी है।
इस लापरवाही को गंभीर बताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को पूर्ण रूप से लापरवाह बताया।