रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को रायपुर में मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को हम राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानते हैं और छत्तीसगढ़ सरकार इसी सोच के साथ प्राथमिक और उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही प्राथमिकता के साथ इसकी समीक्षा की। इसमें यह सामने आया कि राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होते हुए भी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक कम और शहरी क्षेत्रों में अधिक पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे अब राज्य का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। उन्होंने कहा कि 5000 नए शिक्षकों की भर्ती भी जल्द शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रभावी रूप से लागू कर रही है। अब प्राथमिक शिक्षा 18 स्थानीय भाषाओं में दी जा रही है, जिससे बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता बढ़ी है। पीएम-श्री स्कूल योजना के तहत छात्रों को हाईटेक सुविधाएं दी जा रही हैं और स्कूलों के रखरखाव के लिए ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र में नक्सल समस्या को लेकर कहा कि सरकार सुरक्षा और विकास दोनों स्तरों पर काम कर रही है। अब तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। बोधघाट परियोजना से बस्तर को सिंचाई और बिजली की सुविधा दी जाएगी।
कार्यक्रम में उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अब 15 मेडिकल कॉलेज और 19 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। “2047 तक विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़” के लक्ष्य के लिए विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है जिसमें शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री टंकराम वर्मा सहित कई विधायक, शिक्षाविद और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।