जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड में भी सेना एक्शन में: बर्फीले पहाड़ों में गश्त तेज, 30-35 पाकिस्तानी आतंकियों की तलाश

दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों कड़ाके की ठंड और 40 दिन चलने वाली चिल्लई कलां के बावजूद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा और मजबूत कर दिया है।

किश्तवाड़ और डोडा जिलों में बर्फ से ढके ऊंचे और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में सेना ने गश्त तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू क्षेत्र में इस समय 30 से 35 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

खुफिया एजेंसियों के आकलन के अनुसार लगातार दबाव और स्थानीय समर्थन कमजोर होने के कारण आतंकी अब आबादी वाले इलाकों से दूर मध्य और ऊपरी पहाड़ियों में शरण ले रहे हैं।

इस बदले हुए पैटर्न को देखते हुए सेना ने प्रो-एक्टिव विंटर स्ट्रैटेजी अपनाई है। अब केवल गर्मियों तक सीमित अभियानों के बजाय सर्दियों में भी आतंकियों के ठिकानों पर नजर रखी जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि ऊंची पहाड़ियों, घने जंगलों और घाटियों में अस्थायी बेस, निगरानी पोस्ट और गश्ती ग्रिड तैयार किए गए हैं। सियाचिन सहित अन्य ऊंचे इलाकों में भी पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।

अभियान में ड्रोन, थर्मल इमेजर, ग्राउंड सेंसर और रडार जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि बर्फीले मौसम में भी आतंकियों की हर हरकत पर नजर रखी जा सके।

यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, एसओजी, सिविल प्रशासन, वन विभाग और ग्राम रक्षा दल के तालमेल से चल रहा है। इसके साथ ही स्पेशल विंटर वॉरफेयर यूनिट्स की भी तैनाती की गई है, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आतंकी दुर्गम इलाकों में भी सुरक्षित ठिकाना न बना सकें।

सीमा से सटे इलाकों में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए सेना, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस पिछले 10 दिनों से संयुक्त रूप से 80 से अधिक गांवों में सर्च ऑपरेशन चला रही है।
अधिकारियों का कहना है कि घने कोहरे और भीषण ठंड का फायदा उठाकर आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, इसी आशंका के चलते यह व्यापक अभियान शुरू किया गया है।

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