तेन्दूपत्ता बोनस घोटाला: करोड़ों की गड़बड़ी उजागर, DFO सुकमा पर 84 लाख लेने का आरोप, पूर्व विधायक कुंजाम भी घेरे में

जगदलपुर। तेन्दूपत्ता बोनस में करोड़ों के गबन और रैकेट बनाकर लूट का मामला सुर्खियों में है। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने सुकमा के डीएफओ अशोक पटेल समेत कई प्रबंधकों और वन विभाग के अधिकारियों के यहां छापेमारी की है। जिसमें एक कर्मचारी के यहां 26 लाख नगद बरामद भी किया किए गए हैं। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के यहां भी छापा मारा गया। छापे के बाद श्री कुंजाम ने आरोप लगाया कि उन्होंने ही शिकायत की और उनके यहां ही छापे मारकर सरकार गुनाहगारों को बचाना चाहती है। इस मामले में ट्विस्ट हा गया है। दो समिति प्रबंधकों ने जांच समिति को बयान दिया है कि उन्होंने श्री कुंजाम को पांच-पांच लाख रुपए दिए। यह पैसे कुंजाम को मैनेज करने के लिए दिए गए। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कलेक्टर सुकमा को 8 जनवरी 2025 को एक पत्र लिखकर तेन्दूपत्ता बोनस राशि 6 करोड़ 54 लाख संग्राहकों को वितरण न कर गबन और लूट करने का आरोप लगाते जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। उसके बाद जांच समिति ने सुकमा जाकर तेन्दूपत्ता प्रबंधकों के बयान लिए, वहीं कुछ गांव के फड़ों में ग्रामीणों से भी चर्चा की गई। बताया गया कि 2021 में 15 फड़ और 2022 में 10 फड़ के संग्राहकों को बोनस की राशि मिलनी थी। इसमें 3 करोड़ 62 लाख रूपए उन संग्राहकों को नकद देने थे, जिनके बैंक खाते नहीं हैं। यहीं से गरीबों की राशि डकारने का काम शुरू हुआ।

32 हजार संग्राहकों में बंटना था 4 करोड़ 80 लाख

पिछले 2 साल 2021 और 2022 का तेन्दूपत्ता बोनस की राशि मार्च 2024 में समिति प्रबंधकों के खाते में आ गई थी। इस राशि के संबंध में जून-जुलाई 2024 में डीएफओ अशोक पटेल ने प्रबंधकों को अलग-अलग अपने निवास में बुलाया और 20 लाख रूपए तक बैंक से निकालकर देने को कहा। साहब के आदेश पर प्रबंधक और पोषण अधिकारियों में राशि निकाल कर डीएफओ को उनके निवास में जाकर देने की बात कही है। वहीं तेन्दूपत्ता बोनस वितरण में करोड़ों का गबन का समाचार छपने के बाद प्रबंधकों ने डीएफओ से चर्चा की, जिस पर डीएफओ ने मनीष कुंजाम को मैनेज करने को कहा। कुछ प्रबंधकों ने पूर्व विधायक को राशि देने की बात कही है साथ ही क्षेत्र के पत्रकारों को भी देने के लिए राशि का उल्लेख बयान में किया है। सुकमा जिले के 15 समितियों के 31971 संग्राहकों को देने के लिए 4 करोड़ 79 लाख 55 हजार 229 रूपए संबंधित समिति के प्रबंधकों के खाते में डाले गए थे।

गड़बड़ी हुई है इसलिए उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश

जगदलपुर एवं अध्यक्ष जांच समिति डीएफओ उत्तम कुमार गुप्ता ने बताया कि, सीसीएफ के जांच टीम के सदस्यों के साथ सुकमा के डीएफओ और प्रबंधकों समेत पोषण अधिकारियों का बयान लिया गया है। तेन्दूपता फड़ में जाकर संग्राहकों से भी चर्चा की गई है। प्राथमिक और फाइनल रिपोर्ट जमा कर दी गई है जो सीसीएफ के द्वारा शासन को भेजा गया है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी इस मामले में शामिल हैं इसलिए शासन स्तर पर गठित समिति से जांच कराना समिति ने उचित माना है। गड़बड़ी हुई है इसलिए उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। जांच रिपोर्ट में सभी के बयान में किसे कितनी राशि कब कहां दी गई इस सबका उल्लेख है।

डीएफओ सुकमा को मिले 84 लाख

जांच दल के अध्यक्ष डीएफओ उत्तम कुमार गुप्ता ने फरवरी में प्रारंभिक और मार्च में फाइनल रिपोर्ट सीसीएफ के पास जमा की, जिसमें सुकमा डीएफओ के अखिल भारतीय वन सेवा संवर्ग के अधिकारी होने के कारण राज्य मुख्यालय स्तर पर उच्च स्तरीय समिति गठित कर जांच करने की उन्होंने सिफारिश की है। जांच रिपोर्ट में 7 प्रबंधक और पोषक अधिकारियों ने अपने बयान में डीएफओ सुकमा को 83 लाख 90 हजार देने की बात कही है। गोलापल्ली समिति से 15 लाख, किस्टाराम से 10 लाख, पालाचलमा से 4 लाख, कोंटा से 9 लाख 50 हजार, जगर गुण्डा से 14 लाख 50 हजार, बोड़केल से 5 लाख 50 हजार और प्राथमिक लघु वन समिति मिच्चीगुड़ा के प्रबंधक ने 25 लाख 40 हजार इस तरह राशि लाख 90 हजार रूपए डीएफओ को उनके सुकमा स्थित निवास में जाकर देने की बात कही है।

छापे के बाद कुंजाम ने सरकार पर लगाए आरोप

सुकमा जिले के कोंटा, दोरनापाल और सुकमा में 2 दिन तक एसीबी और ईओडब्ल्यू ने छापे मारे। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के सुकमा और रामाराम निवास में भी छापा मारकर 2 मोबाईल और निजी डायरी ले गए। इस पर मनीष कुंजाम ने प्रेसवार्ता में कहा कि तेन्दूपत्ता बोनस वितरण में करोड़ों का गबन और लूट की शिकायत कर जांच की मांग मैने की थी और मेरे यहां छापामारी कर सरकार गुनाहगारों को बचाना चाहती है।

कुंजाम पर भी आरोप

वहीं डीएफओ के कहने पर नेताओं और पत्रकारों को मैनेज करने के लिए राशि देने की बात बयान में आई है। इसमें कुछ प्रबंधकों ने शिकायतकर्ता पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को भी 2 समिति प्रबंधक ने 5-5 लाख और 1 ने 1 लाख रूपए देने की बात जांच समिति को कही है। बस्तर के मुख्य वन संरक्षक ने जगदलपुर डीएफओ उत्तम कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय जांच दल गठित कर सुकमा जिले में तेन्दूपत्ता बोनस में हुई गड़बड़ी की जांच करने को कहा था।

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