जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता राशि वितरण में हुए घोटाले पर बड़ी कार्रवाई हुई है। वन विभाग बस्तर ने इस भ्रष्टाचार में शामिल 11 प्रबंधकों को बर्खास्त कर दिया है और उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही कई समितियों को भी भंग कर दिया गया है।
सीसीएफ बस्तर ने जानकारी दी कि विभागीय जांच में सभी 11 प्रबंधक दोषी पाए गए हैं। इन पर संग्राहकों को बोनस की राशि नहीं देने और पैसे की बंदरबांट करने का आरोप है। जांच में खुलासा हुआ है कि संग्राहकों को उनका हक नहीं मिला और अफसरों ने मिलकर करोड़ों रुपये का गड़बड़झाला किया।
7 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी, DFO पहले ही गिरफ्तार
इस मामले में पहले ही राज्य सरकार ने सुकमा के तत्कालीन डीएफओ को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें जेल भी भेजा जा चुका है। बताया जा रहा है कि तेंदूपत्ता राशि वितरण में 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है। ACB ने भी इस मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी।
संग्राहकों को फिर से मिलेगा बोनस
अब वन विभाग ने उन सभी संग्राहकों को उनका बकाया देने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग नई फाइल तैयार कर रहा है, ताकि जिन लोगों को उनका बोनस नहीं मिला, उन्हें राज्य सरकार की ओर से फिर से पूरा भुगतान किया जा सके।