रायपुर। छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने शनिवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले किया जा रहा है। हड़ताल के चलते 28 से 30 जुलाई तक प्रदेशभर की तहसीलों में राजस्व से जुड़े सभी कामकाज ठप रहेंगे। संघ ने 18 जुलाई को अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी थी, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर अब वे सड़क पर उतर आए हैं।
संघ की प्रमुख मांगों में पर्याप्त तकनीकी व मानव संसाधन, सुरक्षा, शासकीय वाहन, प्रशासनिक सहयोग और कार्यस्थल में बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। संघ का कहना है कि सरकार और विभाग को बार-बार इन समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
हड़ताल की रूपरेखा के अनुसार, 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। 29 जुलाई को संभाग स्तर और 30 जुलाई को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर बड़ा प्रदर्शन होगा। यदि तब तक भी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो तहसीलदारों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
इस बीच, राज्य शासन ने इस आंदोलन को गंभीरता से लिया है। राजस्व विभाग के उप सचिव अरविन्द एक्का ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर अधिकारियों को अवकाश नहीं देने और अनुपस्थिति पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, संघ के अध्यक्ष केके लहरे का कहना है कि अब तक कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है, इसलिए आंदोलन आवश्यक हो गया है।