रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (मर्जर) के विरोध में राज्य भर के शिक्षक उग्र आंदोलन पर उतर आए हैं। राजधानी रायपुर में सर्व शिक्षक साझा मंच के बैनर तले प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने मंत्रालय का घेराव किया।
आंदोलन के दौरान शिक्षा सचिव से वार्ता की गई, लेकिन वह विफल रही। आंदोलनकारी अब संभागवार क्रमिक धरने की तैयारी में हैं।
साझा मंच ने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए ऐलान किया है कि 31 मई से रायपुर में धरना शुरू होगा। इसके बाद दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा संभाग में क्रमिक धरने आयोजित किए जाएंगे।
क्या है विवाद का कारण
राज्य सरकार ने 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया है। शिक्षकों का कहना है कि इससे 30,000 स्कूलों का अलग अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और करीब 40,000 शिक्षक प्रभावित होंगे। दो शिक्षकों से 18 कक्षाएं पढ़वाना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ और शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ अन्याय है।
सरकार का पक्ष और शिक्षकों की आपत्ति
सरकार इसे शिक्षा सुधार की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है, जबकि शिक्षक इसे संख्या सुधारने की कवायद और ग्रामीण शिक्षा के लिए विनाशकारी कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि इससे विद्यालयों की मूलभूत पहचान खत्म हो जाएगी।
जन आंदोलन की चेतावनी
शिक्षकों ने चेताया है कि यदि स्कूल बंद हुए तो केवल शिक्षक नहीं, आम जनता भी सड़कों पर उतरेगी। प्रदर्शन में मनीष मिश्रा, संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन सहित कई शिक्षक नेताओं ने संबोधित कर संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।