समर्थन मूल्य बनी समृद्धि की राह: धान खरीदी और फसल चक्र परिवर्तन से किसान की बढ़ी आमदनी

रायपुर। राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी की सुव्यवस्थित और पारदर्शी व्यवस्था किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में 15 नवंबर से शुरू हुई इस व्यवस्था ने किसानों का भरोसा और मजबूत किया है। समय पर खरीदी, पारदर्शी तौल और भुगतान की स्पष्ट प्रक्रिया से किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है।

इसका सशक्त उदाहरण जिले के खरतुली ग्राम निवासी प्रगतिशील किसान बलवंत मेश्राम हैं। उन्होंने इस वर्ष अपने 4.42 एकड़ खेत में उत्पादित करीब 50 क्विंटल धान को नजदीकी धान उपार्जन केंद्र में समर्थन मूल्य पर बेचा। मेश्राम बताते हैं कि टोकन कटवाने से लेकर धान की तौल और खरीदी तक पूरी प्रक्रिया आसान, समयबद्ध और पारदर्शी रही। उपार्जन केंद्र में छाया, पेयजल और बैठने जैसी सुविधाओं की उपलब्धता से किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई, जिसके लिए उन्होंने शासन की व्यवस्थाओं की सराहना की।

धान उत्पादन के साथ-साथ मेश्राम फसल चक्र परिवर्तन को भी अपनाते हैं। पिछले वर्ष उन्होंने 60 क्विंटल धान का विक्रय किया था, जिससे मिली आय का उपयोग उन्होंने उन्नत बीज, खाद, कृषि सुधार और आधुनिक तकनीकों में किया। इससे उनकी खेती अधिक उत्पादक और लाभकारी बनती गई।

रबी मौसम में वे चना की खेती को प्राथमिकता देते हैं। बीते वर्ष 4 एकड़ में चना की खेती से उन्हें लगभग 36 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई। चना की फसल कम लागत में बेहतर लाभ देने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और जल संरक्षण में भी सहायक है। स्वयं के बोर की सुविधा होने से उनकी सिंचाई व्यवस्था भी सुदृढ़ है।

बलवंत मेश्राम की सफलता यह साबित करती है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग और वैज्ञानिक खेती अपनाकर किसान न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि कृषि को समृद्धि का मजबूत आधार भी बना सकते हैं।

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