अवैध मतांतरण पर सख्ती: विधानसभा में विधेयक पेश करेगी सरकार

जयपुर। राजस्थान सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अवैध मतांतरण रोकने के लिए सख्त विधेयक पेश करने जा रही है। इस कानून में कठोर दंड और जुर्माने के प्रावधान शामिल होंगे।

प्रस्तावित विधेयक के अनुसार सामान्य मामलों में सात से 14 वर्ष की सजा और न्यूनतम पांच लाख रुपये जुर्माना होगा। वहीं, सामूहिक मतांतरण के मामलों में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और कम से कम 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अपराध दोहराने पर आजीवन कारावास के साथ 50 लाख रुपये तक जुर्माना देने का प्रावधान रहेगा।

मसौदे के मुताबिक, मतांतरण के उद्देश्य से की गई शादी अमान्य मानी जाएगी और ऐसे सभी अपराध गैर-जमानती होंगे। पूर्वजों के धर्म में लौटना परिवर्तन की श्रेणी में नहीं आएगा। नाबालिगों, महिलाओं, दिव्यांगों और एससी-एसटी समुदाय से जुड़े मामलों में 10 से 20 वर्ष जेल और न्यूनतम 10 लाख रुपये जुर्माना प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस मसौदे को मंजूरी दी गई। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान में इस तरह का कोई विशेष कानून नहीं है। पहले पेश किया गया विधेयक वापस लिया जाएगा और नया विधेयक लाया जाएगा।

इसके अलावा, विदेशी या अनधिकृत फंडिंग लेने पर 10 से 20 वर्ष जेल और कम से कम 20 लाख रुपये का जुर्माना होगा। अवैध मतांतरण में शामिल संस्थानों का पंजीकरण रद्द किया जा सकेगा और अनुदान भी वापस लिया जाएगा। मतांतरण के लिए उपयोग की जाने वाली संपत्ति को जब्त या ध्वस्त किया जा सकेगा।

कैबिनेट बैठक के बाद भाजपा विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच स्पष्ट अंतर दिखना चाहिए। उन्होंने विधायकों से जनता से जुड़े मुद्दे उठाने और सरकार के फैसलों की जानकारी देने को कहा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में पहले ही ऐसे कानून बनाए जा चुके हैं।

Exit mobile version