रायपुर। छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में अब स्ट्राबेरी की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। जशपुर, अंबिकापुर और बलरामपुर जैसे क्षेत्रों में 60 से ज्यादा किसान स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं। इसकी खेती से किसानों को प्रति एकड़ 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई हो रही है।
जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की शुरुआत की थी, जो अब बढ़कर 33 किसान 42 एकड़ में यह फसल उगा रहे हैं। किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मदद और सहायता मिल रही है। स्ट्राबेरी की खेती धान की तुलना में ज्यादा लाभकारी साबित हो रही है। जहां धान की खेती से एक एकड़ में करीब 50 हजार रुपये की आमदनी होती है, वहीं स्ट्राबेरी से 3 से 4 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। इसके लिए ज्यादा उपजाऊ जमीन की जरूरत नहीं पड़ती, और सिर्फ ठंडा मौसम ही इसके लिए उपयुक्त है। जशपुर के किसान धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास कम उपजाऊ जमीन थी, लेकिन अब उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर अच्छी आमदनी करना शुरू कर दिया है।
विंटर डान प्रजाति के पौधे लगाए
किसानो ने जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं।
नाबार्ड के एफएसपीएफ योजना के तहत रीड्स संस्था द्वारा बगीचा विकासखंड के ग्राम सन्ना, अकरीकाना, लोरो, कोपा, लरंगा और मैना गांव का चयन स्ट्रॉबेरी की खेती करवाई थी। साल 2023 में उत्पादन भी बेहतर हुआ था और उच्च क्वालिटी के स्ट्रॉबेरी निकले थे। इसे देखते हुए साल 2024 में उद्यान विभाग द्वारा किसानों को किसानों को स्ट्रॉबेरी के उत्पादन से जोड़ा गया और किसानों को विभाग द्वारा सहयोग भी दिया गया है। किसान रीड्स संस्था की देखरेख में लगभग 60 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं।
धान के मुकाबले 8 से 9 गुना फायदा
स्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाई में भी यह लगाया जा सकता है। स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है, सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार की आमदनी ली जा सकती है वहीं स्ट्राबेरी की खेती में 3 से 4 लाख की आमदनी हो सकती है।
इस प्रकार धान से 8-9 गुना आमदनी मिलती है। स्ट्राबेरी की खेती छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में ली जा सकती है। इसके लिए राज्य के अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर जशपुर का क्षेत्र उपयुक्त है। जशपुर के किसान श्री धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास कुछ जमीन थी जो अधिक उपजाऊ नहीं थी वह बंजर जैसी थी। मुश्किल से कुछ मात्रा में धान की फसल हो पाती थी। जब उन्हें विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन मिलने पर फलो की खेती प्रारंभ की है। सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।