रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले, कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले के मामले में जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। इस सिलसिले में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं के घरों पर छापेमारी की, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री लखमा ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया।
कवासी लखमा ने कहा कि ईडी की कार्रवाई सुबह से लेकर रात तक जारी रही, लेकिन उनके घर से कोई महत्वपूर्ण कागजात नहीं मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके अनपढ़ होना का फायदा उठाया और जो कागजात लाए, उन्होंने उन पर दस्तखत कर दिए। लखमा ने कहा कि अधिकारी ही कागजात को पढ़ते और लिखते थे, और इस पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि यह छापा कांग्रेस द्वारा विधानसभा में उठाए गए मुद्दों के कारण भाजपा द्वारा बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।
लखमा ने आगे कहा कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने उन्हें इस घोटाले के बारे में अंधेरे में रखा और उन्होंने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। ईडी से पूछताछ के दौरान उनसे संपत्ति संबंधी जानकारी भी मांगी गई थी, जिसके लिए उन्होंने समय मांगा है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी के अधिकारियों ने उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गए हैं।