रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में संचालित मेसर्स अरिहंत स्टील के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग, जगदलपुर द्वारा 31 मई को बड़ी कार्रवाई की गई। जांच के दौरान पाया गया कि व्यवसाय स्थल पर न तो कोई लेखा-पुस्तक रखी गई थी और न ही टैली जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा था, जो कि जीएसटी नियमों के तहत अनिवार्य है।
व्यवसायी द्वारा बताया गया कि बिलिंग का कार्य कर सलाहकार द्वारा किया जाता है, जिससे कर चोरी की आशंका और प्रबल हो गई। जांच में सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक लगभग 16 करोड़ रुपये का टर्नओवर हुआ, परंतु मात्र 43 हजार रुपये का कर नगद भुगतान किया गया।
ई-वे बिल की जांच में पाया गया कि 8.21 करोड़ रुपये की खरीदी के बावजूद माल की सप्लाई के लिए कोई ई-वे बिल जारी नहीं किया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि माल आम उपभोक्ताओं को बेचकर बिल अन्य व्यवसायियों को दिए गए और बोगस इनपुट टैक्स का लाभ लिया गया, जिससे राज्य व केंद्र सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ। व्यवसायी ने जांच के दौरान 10 लाख रुपये कर स्वैच्छिक रूप से जमा करने की बात कही, लेकिन कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। जांच टीम पर दबाव डालने की कोशिश के बाद पुलिस की उपस्थिति में व्यवसाय स्थल को सील कर दिया गया।