समाज का वन से है गहरा रिश्ता: सीएम साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनजातीय समुदायों के लिए वन आधारित आजीविका पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। यह एक दिवसीय कार्यशाला वन-आधारित आजीविका और सतत् वन प्रबंधन जैसे विषयों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज का वन से गहरा रिश्ता है और उन्होंने इस आयोजन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और नीति आयोग का आभार व्यक्त किया।

सीएम साय ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि तब वनोपज से सीधे लाभ लिया जाता था। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के 44% भू-भाग में वन हैं और राज्य की 31 प्रतिशत आबादी जनजातीय समुदाय से आती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने जनजातीय समाज के लिए कई योजनाएं बनाई हैं और वनोपज की खरीदी के लिए प्राधिकरण का गठन किया है।

कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय संस्कृति और वन संपदा देशभर में समृद्ध है, और इसे संजोने के लिए लगातार विचार विमर्श की आवश्यकता है। उन्होंने वनों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि इससे भविष्य सुरक्षित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस कार्यशाला में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा वनोपज, इको-टूरिज्म, जैव विविधता संरक्षण, और संयुक्त वन प्रबंधन जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

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