रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों में आवागमन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। राजधानी रायपुर पहले से ही देश के प्रमुख शहरों से वायु मार्ग से जुड़ा हुआ था, वहीं अब बस्तर, बिलासपुर और अंबिकापुर जैसे शहर भी विमान सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। विशेषकर बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में एयरपोर्ट और नियमित यात्री उड़ानों की सुविधा ने क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खोली हैं।
जगदलपुर स्थित माँ दंतेश्वरी हवाई अड्डा का ऐतिहासिक महत्व है। इसका निर्माण 1939 में ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था और इसे उस समय “जहाज भाटा” कहा जाता था। वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एयरपोर्ट के उन्नयन का कार्य प्रारंभ किया। 2019 में इसे 3-सी श्रेणी में अपग्रेड किया गया, जिससे एटीआर-72 जैसे विमानों का संचालन संभव हुआ। 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार ने हवाई अड्डे का नाम माता दंतेश्वरी के नाम पर रखा।
सितंबर 2020 में एलायंस एयर ने जगदलपुर से रायपुर और हैदराबाद के लिए नियमित व्यावसायिक उड़ानें शुरू कीं। इसके बाद दिल्ली, जबलपुर और बिलासपुर के लिए सेवाएं प्रारंभ हुईं। मार्च 2024 से इंडिगो एयरलाइंस ने दैनिक सेवा शुरू की, जबकि पैरामिलिट्री बलों के लिए विशेष दिल्ली सेवा भी संचालित हो रही है।
अब तक लगभग तीन लाख यात्री जगदलपुर एयरपोर्ट से यात्रा कर चुके हैं। इससे स्थानीय नागरिकों को सुविधा मिली है, साथ ही व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। बस्तर के हस्तशिल्प, वनोपज और हर्बल उत्पाद देश के बड़े बाजारों तक आसानी से पहुँच रहे हैं। चित्रकूट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और बस्तर दशहरा जैसे पर्यटन स्थलों तक पर्यटकों की पहुँच भी सहज हुई है।
जगदलपुर एयरपोर्ट बस्तर के लिए विकास का नया द्वार बन चुका है। यह क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है और आने वाले समय में राष्ट्रीय परिदृश्य में बस्तर की नई पहचान स्थापित करेगा।