स्मार्ट सिटी योजना बंद: अधूरे प्रोजेक्ट, गायब ठेकेदार और बर्बाद होते करोड़ों

रायपुर। राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी योजना बंद होते ही कई प्रोजेक्ट अधूरे छूट गए हैं। ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर गायब हो गए, जिससे करोड़ों की लागत से शुरू हुए विकास कार्य अब जर्जर हाल में पहुंच रहे हैं।

करीब 27 करोड़ रुपये से महाराजबंध, खोखो और नरैया तालाबों के पानी को साफ करने ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने थे, लेकिन तीन महीने से काम ठप है। केवल स्ट्रक्चर खड़ा है, मशीनें नदारद हैं। अगस्त 2023 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को अब तक पूरा नहीं किया जा सका।

सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर की तीन प्रमुख सड़कों के किनारे करीब 10 करोड़ की लागत से प्रतिमाएं बनाई जा रही थीं, पर योजना बंद होते ही ठेकेदार पेंटिंग अधूरी छोड़कर निकल गए। और तो और, जो प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं, उनकी देखरेख की जिम्मेदारी किसी को नहीं सौंपी गई। नतीजतन बूढ़ातालाब का 40 करोड़ का सौंदर्यीकरण अब अंधेरे और खराब फव्वारों से बदहाल है। जवाहर बाजार के 22 करोड़ के प्रोजेक्ट में अधिकांश दुकानें खाली हैं और अब टूट-फूट शुरू हो गई है।

कारी तालाब पर 7 करोड़ का सौंदर्यीकरण हुआ, पर अब वहां अंधेरा छाने पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है। 18 गार्डनों में 3 करोड़ की लागत से बनाई गईं बापू कुटिया बंद पड़ी हैं, वहां से सामान तक चोरी हो चुका है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 159 करोड़ रुपये से 24 घंटे पानी की योजना बनी थी, लेकिन वह भी अब तक शुरू नहीं हो पाई है। जनता के पैसों से शुरू हुई योजनाएं अब देखरेख के अभाव में बर्बादी की कगार पर हैं।

Exit mobile version